सेना के अस्पताल और मोदी का मखौल उड़ाने वालों को सेना का मुंहतोड़ जवाब

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 3 जुलाई को लेह के जिस जनरल अस्पताल में घायल सैनिकों को देखने गए थे, वहां उपलब्ध सुविधाओं की स्थिति के बारे में कुछ वर्गों द्वारा दुर्भावनापूर्ण और निराधार आरोप लगाए गए हैं। ऐसा करने वालों को सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है।

Army’s retort to those who mock the army hospital and Modi

सोशल मीडिया पर लोगों ने इस अस्पताल को फेक बताने तक का दुस्साहस किया।

सेना ने इस पर कहा कि बहादुर सैनिकों के उपचार की व्यवस्था को लेकर आशंकाएं व्यक्त किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

सेना के अनुसार सशस्त्र बलों द्वारा अपने सैनिकों के उपचार के लिए हर संभव बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।

यहां जारी एक बयान में सेना ने है कि जनरल अस्पताल में दी जा रही सेवाएं आपात स्थितियों में 100 बिस्तरों की विस्तार क्षमता का हिस्सा हैं और पूरी तरह से अस्पातल के सामान्य परिसर में ही है।

सेना ने कहा है कि कोविड प्रोटोकोल के तहत जनरल अस्पताल के कुछ वार्डों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित करना पड़ा है।
अस्पताल को कोविड समर्पित अस्पताल बनाए जाने के बाद से यहां आमतौर पर एक प्रशिक्षण ऑडियो वीडियो हॉल के रूप में उपयोग किए जाने वाले स्थान को वार्ड में परिवर्तित कर दिया गया है।

कोविड प्रभावित क्षेत्रों से आने के बाद क्ववारंटीन में रखे जाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए गलवान से लौटने के बाद से घायल बहादुर सैनिकों को इस हॉल में रखा गया है। थल सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे और सेना के कमांडर भी घायल सैनिकों से मिलने इसी हॉल में गए थे।

एक पूर्व सैन्य अधिकारी के अनुसार भारतीय सेना अपने जवानों के लिए इतनी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाती है कि कई लोगों को यह यकीन नहीं आएगा।

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