मुंबई। इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार अर्नब गोस्वामी को 7 दिन बाद बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी। तलोजा जेल से बाहर निकलते ही रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब कार की छत पर बैठ गए। अर्नब ने नारे लगाते हुए अपनी रिहाई को भारत के लोगों की जीत बताया।
Arnab gets bail, comes out of jail like a hero, says this victory of the people
Mumbai. Arnab Goswami, arrested on charges of abetting the interior designer for suicide, was granted interim bail by the Supreme Court on Wednesday, 7 days later. As soon as Taloja got out of jail, Arnab, the editor-in-chief of Republic TV, sat on the roof of the car. Arnab shouting slogans called his release a victory of the people of India.
अर्नब के साथ ही इस मामले में दो अन्य आरोपियों नीतीश सारदा और फिरोज मोहम्मद शेख को भी जमानत दी गई है। अर्नब की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उद्धव सरकार को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकारें किसी को निशाना बनाएं तो उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि हम उसकी हिफाजत करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस कमिश्नर से जमानत के आदेश पर तत्काल अमल करने को कहा।
अर्नब अपनी जमानत के लिए हाईकोर्ट भी गए थे, लेकिन हाईकोर्ट ने उनसे कहा था कि अंतरिम जमानत के लिए उनके पास लोअर कोर्ट का भी विकल्प है, लेकिन 4 नवंबर को गिरफ्तारी के बाद ही अलीबाग सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत नामंजूर कर दी थी। हालांकि, अलीबाग कोर्ट ने पुलिस को रिमांड न देते हुए अर्नब को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां
हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है। महाराष्ट्र सरकार को यह सब नजरअंदाज करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जाता है, तो यह न्याय का दमन होगा। क्या महाराष्ट्र सरकार को इस मामले में कस्टडी में लेकर पूछताछ की जरूरत है। हम व्यक्तिगत आजादी के मुद्दे से जूझ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज अगर अदालत दखल नहीं देती है, तो हम विनाश के रास्ते पर जा रहे हैं। इस आदमी (अर्नब) को भूल जाओ। आप उसकी विचारधारा नहीं पसंद कर सकते। हम पर छोड़ दें, हम उसका चौनल नहीं देखेंगे। सबकुछ अलग रखें।
उन्होंने कहा कि अगर हमारी राज्य सरकारें ऐसे लोगों के लिए यही कर रही हैं, इन्हें जेल में जाना है तो फिर सुुप्रीम कोर्ट को दखल देना होगा।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट को एक संदेश देना होगा। कृपया, व्यक्तिगत आजादी को बनाए रखने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करें। हम बार-बार देख रहे हैं। अदालत अपने अधिकार क्षेत्र के इस्तेमाल में विफल हो रही हैं। लोग ट्वीट के लिए जेल में हैं।
इस शर्त पर मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अर्नब गोस्वामी और दो अन्य आरोपी सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे। इसके अलावा आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले की जांच के दौरान वो पूरा सहयोग करेंगे।
2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां ने खुदकुशी कर ली थी। अन्वय की पत्नी ने सुसाइड लेटर में अर्नब का नाम होने के बावजूद कार्रवाई न होने पर सवाल उठाया था। इसके बाद रायगढ़ पुलिस ने अर्नब और दो अन्य लोगों को 4 नवंबर को गिरफ्तार किया था। बाद में अदालत ने इन्हें 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अर्नब फिलहाल तलोजा जेल में बंद हैं।