भारतीस सेना से मुंह की खाने के बाद चीन लद्दाख में बजा रहा पंजाबी गाने, जानें क्यों

लद्दाख। भारत-चीन के बीच एलएसी पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी बीच सीमा पर चीनी सेना द्वारा लाउडस्पीकर से प्रोपोगेंडा फैलाए जाने की खबर है। खबरों के मुताबिक, ये लाउडस्पीकर फिंगर चार पर लगाए गए हैं। लाउडस्पीकर के जरिए भ्रम फैलाने वाले संदेश भी प्रसारित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही पंजाबी गाने भी बजाए जा रहे हैं।

China playing Punjabi songs in Ladakh after setback from Indian Army, know why

Ladakh. Tensions between India and China on LAC have been steadily increasing. Meanwhile, there are reports of propagation of loudspeakers by Propoganda on the border. According to reports, these loudspeakers are mounted on finger four. Confusing messages are also being broadcast through loudspeakers. Along with this, Punjabi songs are also being played.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 29-30 अगस्त को पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर भारतीय सेना ने रेजांग ला और रेचिन ला में चीनी सेना को करारी शिकस्त दी तो वह टैंक और बख्तरबंद सैन्य वाहन लेकर आ गए।

चीन सेना की उम्मीद थी कि भारतीय सेना पीछे हट जाएगी, लेकिन ऐसा ब्लिकुल नहीं हुआ। भारतीय सेना डटकर सामना करने के लिए तैयार थी।

इस स्थिति में खुद को नामाक देखते हुए चीन ने पैंगोंग झाल के फिंगर चार पर पंजाबी गाना बजाना शुरू कर दिया, जिससे की भारतीय सेना का ध्यान भटके।

हमेशा से ही सीमा पर चीनी सेना की मंशा गलत रही है, ये बात किसी से छिपी नहीं है।

वहीं, चुशुल में चीनी सेना के मोल्डो सैन्य ठिकाने पर लाउडस्पीकर लगाए गए हैं। लाउडस्पीकर के जरिए चीनी सेना भारतीय सेना को पूरी तरह से भड़काने की कोशिश कर रही है।

उधर, पैंगोंग त्सो पर चीनी सेना लाउडस्पीकर लगाकर भारतीय सेना को सरकार के प्रति भड़का रही है।

सीमा पर जब चीन को मुंह की खानी पड़ीए तो किसी भी तरह भारतीय सैनिकों का मनोबल तोड़ने का प्रयार कर रही है।

चीनी सेना भारत सरकार की निंदा कर रही है और सैनिकों को उकसाने का काम कर रही है। चीन को बहुत अच्छी तरह पता है कि बिना युद्ध किए युद्ध को कैसा जीता जाए।

इसके लिए वह सारे हथकंडे अपना सकती है, जिसमें एक है किसी भी तरह सैनिकों का मनोबल तोड़ना।

भारतीय सैनिकों को भड़काने के लिए चीन किसी भी तकनीक का सहारा ले सकता है, जैसे कि उसने 1962 के युद्ध में किया था।

बताया जाता है कि चीन ने 1962 की युद्ध में भी शुरुआत में चीन ने लाउडस्पीकर तकनीक का इस्तेमाल किया था।

 

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