फरीदाबाद। प्रमुख औद्योगिक संगठन आईएमएसएमई आफ इंडिया ने केंद्र सरकार तथा आरबीआई से लॉकडाउन अवधि के दौरान ब्याज को समाप्त करने की मांग करते कहा है कि वर्तमान में जबकि एमएसएमई सैक्टर्स गंभीर चुनौतियों के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में यदि लॉकडाउन समयावधि का ब्याज माफ किया जाता है, तो इससे अर्थव्यवस्था को एक नया बूस्ट मिलेगा, जो समय की मांग है।
End the interest rate in the lockdown period: Rajiv Chawla
Faridabad. I AM SME of India, the leading industrial organization, has asked the Central Government and RBI to abolish the interest during the lockdown period, that at present, while the MSME sector is going through serious challenges, if the interest of the lockdown period is waived. It will give a new boost to the economy, which is the need of the hour.
संगठन के चेयरमैन राजीव चावला के अनुसार मोराटोरियम को हालांकि अभी और बढ़ाया जाना चाहिए था, परंतु जिस प्रकार सरकार ने इसे समाप्त कर लोन रिस्ट्रक्चिंग का फार्मूला इजाद किया है उसके क्रियान्वयन में भी इस तथ्य पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि वर्तमान में उद्योगों की स्थिति क्या है?
चावला ने एमएसएमई सेक्टर्स के लिये अतिरिक्त फंडिंग की आवश्यकता पर बल देते कहा है कि ऐसे राहत पैकेज जरूरी हैं, जिससे वास्तविक रूप से एमएसएमई सैक्टर को आर्थिक सहायता मिल सके।
देश में ऋण प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए चावला ने कहा है कि नये यूनिटों को ऋण देने के साथ-साथ उन पुरानी ईकाईयों को भी वित्तीय सहायता आसानी से उपलब्ध कराई जानी चाहिए, जिनका ट्रेक रिकार्ड अच्छा रहा है, परंतु कोविड के चलते जिन्हें गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
चावला का मानना है कि वर्तमान में जो स्थिति है, उसे तुरंत नियंत्रित नहीं किया जा सकता और इसके लिये कई पड़ावों पर परिवर्तन करना होगा।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि आरबीआई व केंद्र सरकार इस संबंध में प्रभावी नीति क्रियान्वित करेगी।