फरीदाबाद। जमीन अधिग्रहण के बढ़े हुए मुआवजे के भुगतान को लेकर पिछले 15 दिनों से लघु सचिवालय के सामने धरने पर बैठे अजरौंदा एवं दौलताबाद के किसानों का धरना आज सरकार के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया।
Faridabad: Farmers end protest after agreement with government
ज्ञात हो कि मुआवजे के भुगतान की मांग को लेकर किसान संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन पर बैठे किसानों को भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति सहित शहर की अनेक समाजसेवी संस्थाओं का समर्थन प्राप्त था।
किसानों की मांग थी कि 11 मार्च 2019 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार सरकार फरीदाबाद के सेक्टर 20ए और 20बी में अधिग्रहण की गई जमीन के बढ़े हुए मुआवजे का शीघ्र भुगतान करे, जो सरकार और प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते पिछले डेढ़ वर्ष से लंबित था।
सरकार और प्रशासन से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर किसान धरने और प्रदर्शन के लिए बाध्य हुए।
सोमवार को उपायुक्त फरीदाबाद के साथ हुई मीटिंग में एचएसवीपी प्रशासक प्रदीप दहिया और किसानों के सात सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल जिसमें प्रधान अमर सिंह मलिक, महावीर सैनी, लाल सिंह पर्सवाल एडवोकेट, चन्द्रपाल सिंह धनकड़, साधु राम सैनी, लाल सिंह सैनी, टेक चंद सैनी एडवोकेट शामिल थे।
प्रशासन और किसानों के मध्य एक लिखित समझौता हुआ, जिसके अनुसार सरकार आगामी तीन हफ़्तों में किसानों को मुआवजे का भुगतान उनके बैंक खातों में कर देगी।
प्रशासन के साथ इस लिखित आश्वासन के बाद बनी सहमति के पश्चात किसानों ने अपना धरना आगामी कार्यवाही तक स्थगित कर दिया।
धरने में भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के प्रदेशाध्यक्ष बीरेंद्र गौड़, नहरपार किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतपाल नरवत, पलवल ब्लाक समिति के पूर्व चैयरमेन समुंदर सिंह भांखड़, नरवीर सिंह तेवतिया, विनोद सैनी, छोटे लाल सैनी, बुधिराम शर्मा, बिजेंद्र सैनी, अमर सिंह सैनी, चिम्मन लाल सैनी, रामचंद्र सैनी, रणवीर सिंह धनखड़, नर सिंह सैनी, धर्मवीर धनखड़, विशेष रूप से उपस्थित थे।