फरीदाबाद। किसान संघर्ष समिति के सैकड़ों सदस्य रविवार को गांव नरियाला में आयोजित होली मिलन समारोह में मुख्य अतिथि दुष्यंत चौटाला को काले झंडे दिखाने के लिए पहुंचे। जहां भारी संख्या में तैनात पुलिस बल ने पूर्व मंत्री करण दलाल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जगन डागर एवं किसान संघर्ष समिति के सैकड़ों किसानों को हिरासत में ले लिया। कई बसों में भरकर अलग-अलग पुलिस चौकियों में लेजाकर किसानों को छोड़ दिया गया।
Farmer detained for showing black flag to Dushyant Chautala
पिछले कई दिनों से किसान संघर्ष समिति के सदस्य उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के फरीदाबाद में आगमन को लेकर विरोधस्वरूप गांव दयालपुर, जवां, नरियाला में घूम-घूमकर पंचायत आयोजित कर किसानों के हितों में उप मुख्यमंत्री के विरोध का आह्वान कर रहे थे। इ
सी कड़ी में किसान संघर्ष समिति के नेताओं ने पलवल में सहकारिता मंत्री बनवारी लाल को काले झंडे दिखाकर विरोध किया और कहा कि वो हर हाल में रविवार को गांव नरियाला में उप मुख्यमंत्री का विरोध करेंगे और उनको काले झंडे दिखाए जायेंगे। इसी के चलते किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारी, किसान, पूर्व मंत्री करण दलाल, किसान नेता जगन डगर सहित सैंकड़ों किसान नरियाला में उपमुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने के लिए ट्रैक्टरों एवं अपने वाहनों से पहुंचे।
काले झंडे लहराते हुए काफी समय तक उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का विरोध किया, नारेबाजी की। जब किसान नेता आयोजित कार्यक्रम की तरफ बढ़ने लगे, तो पुलिस ने उन्हें नरियाला-जवां मोड़ पर ही रोक लिया और आगे नहीं जाने दिया और जब वह जबरदस्ती आगे जाने लगे तो पुलिस ने सैकड़ों किसानों को हिरासत में ले लिया।
पूर्व मंत्री करण दलाल ने कहा कि वह वह 52 पाल के किसानों में ही आते हैं वह सबसे पहले किसान है और किसानों के हितों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में लेेने के बाबत उन्होंने बताया कि इसे आम आदमी के अधिकारों का हनन बताया और कहा कि तीन काले कानूनों को लेकर लंबे अंतराल से किसान सडकों पर बैठे हैं। मगर भाजपा सरकार आंखों पर पट्टी बांधे बैठी है। किसानों को कभी आतंकवादी तो कभी देशद्रोही कहकर पुकारा जाता है, इनको शर्म आनी चाहिए। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को लेकर कहा कि वो गिरफ्तारी से डरने वाले नहीं है, किसानों को कमजोर न समझें। आगे भी मजबूती के साथ विरोध जताया जाएगा।
काले झंडे दिखाने को लेकर हुई गिरफ्तारी को लेकर जगन डागर ने कहा कि किसी का विरोध करना हमारा अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने हमे दिया हुआ है। मगर इन्होंने तानाशाही रवैया अपनाते हुए हमें उन्हें हिरासत में लिया और कार्यक्रम स्थल तक हमें नहीं जाने दिया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार पूरी तरह से डर चुकी है, इसलिए वो इस तरह का तानाशाही रुख अपना रही है। मगर किसान इससे डरने वाले नहीं है और जब तक सरकार इन तीन काले कानूनों को वापिस नहीं लेती हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
इस मौके पर रूपचंद लाम्बा, महेंद्र सिंह चौहान, जगजीत कौर पन्नू, मास्टर महेंद्र चौहान, पाल पंच जयनारायण, रतन सिंह सौरोत, महेंद्र सिंह चौहान, सोहनपाल सिंह, हितेश दलाल, स्वामी श्रद्धानन्द, केशव डागर, संतलाल डागर, बॉबी, नहार सिंह धारीवाल, मास्टर महावीर मालिक, पवन बींसला, जोगिन्दर पहलवान के साथ भारी संख्या में किसानो ने काले झंडे दिखाकर विरोध किया।