चंडीगढ़ । कोरोना वायरस संक्रमण के फेर में अधूरी रही हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के बावजूद बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार परिणाम घोषित कर दिया है। इस बार 64.59 फीसदी बच्चों ने सफलता हासिल की है। बोर्ड परिणाम में एक बार फिर लड़कियां अव्वल रहीं। 69.86 फीसदी बेटियों ने सफलता पाई जबकि 60.27 फीसदी बेटे ही सफल रहे।
Haryana board declared 10th result, daughters waved
आप यहां https://results.bseh.org.in/ क्लिक कर रिजल्ट देख सकते हैं।
वहीं हिसार जिले के नारनौंद के टैगोर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्रा ऋषिता ने इतिहास रचते हुए पूरे 500 अंक हासिल किए और प्रदेश की टॉपर बनी। पिछले वर्ष की तुलना इस बार 7.20 फीसदी परिणाम में सुधार हुआ है। स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का परिणाम 62.38 फीसदी रहा।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने आठ जून को बेस्ट थ्री विषयों के अंकों के औसत आधार पर पांचवें विषय के अंक निर्धारित कर परिणाम निकालने की तैयारी की थी। मगर तकनीकी कारणों से परिणाम रोकना पड़ा। बाद में हाईकोर्ट में स्टे हुए और इसके करीब एक महीने बाद शुक्रवार को परिणाम घोषित किया गया।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की सेकेंडरी (नियमित) परीक्षा में 3,37,691 परीक्षार्थी प्रविष्ठ हुए थे, जिनमें से 2,18,120 उत्तीर्ण हुए एवं 32,501 परीक्षार्थियों की कंपार्टमेंट आई है। वहीं 87,070 परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण हुए। 1,85,429 छात्रों में से 1,11,751 पास हुए। 1,52,262 प्रविष्ठ छात्राओं में से 1,06,369 पास हुईं। वहीं बोर्ड अगले सप्ताह 12वीं कक्षा का परिणाम घोषित करने तैयारी कर रहा है।
राजकीय स्कूलों ने मारी बाजी
परीक्षा में राजकीय विद्यालयों की पास प्रतिशत 59.74 रही और प्राइवेट विद्यालयों की पास प्रतिशत 69.51 रही है। इस परीक्षा में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों की पास प्रतिशत 64.39 रही है, जबकि शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों की पास प्रतिशत 65.00 रही है।
2015 में पिछड़ने के बाद से पिछले पांच साल से परिणाम में सुधार हो रहा है। पिछले वर्ष 57.39 फीसदी बच्चों ने सफलता पाई थी जबकि इस वर्ष 64.59 फीसदी सफल रहे है। यानी 7.20 फीसदी अधिक। हालांकि स्वयंपाठी विद्यार्थियों के परिणाम में गिरावट आई है। पिछले वर्ष 69.80 फीसदी स्वयंपाठी पास हुए थे जबकि इस वर्ष 62.38 फीसदी ही पास हुए।
बोर्ड अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह एवं बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने रात करीब साढ़े आठ बजे परिणाम की घोषणा की। उन्होंने बताया की लॉकडाउन (कोविड-19 महामारी) से पूर्व सेकेंडरी परीक्षा के केवल चार विषयों की परीक्षा ही संचालित करवाई जा सकी थी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा अपनाई गई अंकन नीति अनुसार ही शिक्षा बोर्ड, भिवानी द्वारा भी संपन्न करवाए गए विषयों की परीक्षा के औसत अंकों के आधार पर अंक माने गए हैं और तदानुसार ही परिणाम निकाला गया है।
परीक्षार्थी परीक्षा परिणाम बोर्ड की वेबसाइट पर देख सकते हैं। जो परीक्षार्थी घोषित परिणाम से संतुष्ट नहीं है तो वह बोर्ड की होने वाली परीक्षा में आंशिक अंक सुधार कर सकता है, जिसके लिए परीक्षार्थी को दो अवसर दिए जाएंगे। यह परिणाम 10 जुलाई से संबंधित विद्यालयों/संस्थाओं द्वारा बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर अपनी यूजर आईडी व पासवर्ड द्वारा लॉगिन करते हुए डाउनलोड भी किया जा सकेगा।
कोई विद्यालय अगर समय पर परिणाम प्राप्त नहीं करता है तो इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा। उन्होंने बताया कि स्वयंपाठी परीक्षार्थियों के साथ-साथ विद्यालयी परीक्षार्थियों का परिणाम अनुक्रमांक के आधार पर लिया जा सकता है। परीक्षा परिणामों के आधार पर जो परीक्षार्थी अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की पुन: जांच अथवा पुनर्मूल्यांकन करवाना चाहते हैं तो वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पुन:जांच/पुनर्मूल्यांकन निर्धारित शुल्क सहित परिणाम घोषित होने की तिथि से 20 दिन तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।