चंडीगढ़। हरियाणा सरकार जमीनों के कलेक्टर (डीसी) रेट तय करने जा रही है। यह रेट तहसील स्तर पर तय होंगे। यदि किसी तहसील में पचास गांव हैं, तो प्रत्येक गांव में जमीन के अलग-अलग कलेक्टर रेट होंगे। प्रदेश सरकार का मानना है कि ऐसा करने से जहां जमीनी विवाद कम होंगे, वहीं सरकारी खजाने में राजस्व की बढ़ोतरी होगी।
Haryana government will decide the collector rate of lands in every village
Chandigarh. The Haryana government is going to fix the Collector (DC) rate of the lands. These rates will be decided at tehsil level. If there are fifty villages in a tehsil, then each village will have different collector rates of land. The state government believes that while doing so will reduce ground disputes, there will be an increase in revenue in the state exchequer.
जमीनों के कलेक्टर रेट तय करने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जो कलेक्टर रेट तय हो जाएंगे, उससे कम पर जमीनों की रजिस्ट्री नहीं हो सकेंगी।
अभी तक होता यह है कि उदाहरण के लिए यदि किसी ने अपनी जमीन पांच लाख रुपये की बेची है, तो वह उसे कागजों में मात्र दो लाख रुपये की शो करता है और उसकी रजिस्ट्री कराता है। इससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होता है।
जमीनों के कलेक्टर रेट तय होने के बाद सरकार उससे कम पर किसी जमीन की रजिस्ट्री नहीं करेगी। अधिक रेट पर भले ही रजिस्ट्री कराई जा सकती है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वित्त एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को जनवरी तक पूरे प्रदेश में सभी जिलों में जमीनों के कलेक्टर रेट तय करने के निर्देश दिए हैं।
यह कलेक्टर रेट हर साल तय होंगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि डीसी रेट तय करने के लिए पूरे प्रदेश में एक समान पद्धति बनाई जाए। यह रेट तहसील स्तर पर भी बनने चाहिए।
प्रदेश में कई जिले और तहसीलें ऐसी हैं, जहां जमीनों के रेट काफी हैं लेकिन कई जिले व तहसीलें ऐसी हैं, जिनमें रेट कम हैं।
सरकार की जानकारी में यह भी आया है कि कहीं-कहीं तो डीसी रेट ज्यादा है और जमीनों का मार्केट रेट कम है, जबकि कई जिलों में मार्केट रेट ज्यादा है, मगर डीसी रेट कम है। सिस्टम की इस खामियों को दूर किए जाने की जरूरत है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी अधिकारियों को इस दिशा में तेजी से कार्रवाई के निर्देश दिए, ताकि इस व्यवस्था को जल्द से जल्द लागू किया जा सके।
वित्त एवं राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल के अनुसार जिला व तहसील स्तर पर जमीनों के कलेक्टर रेट तय करने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए एक जनवरी से साल शुरू होगा।
उन्होंने बताया कि इस बार हम 31 मार्च 2021 तक जमीनों के रेट तय करेंगे। अगले साल से फिर जनवरी से दिसंबर तक कलेक्टर रेट तय होंगे।
संजीव कौशल के अनुसार तहसील स्तर पर जमीनों के कलेक्टर रेट तय करने के लिए कमेटियां बनाई जाएंगी। इन कमेटियों में अधिकारी, प्रापर्टी डीलर, जमीन विशेषज्ञ, बाजार के जानकार तथा कुछ संभ्रांत व्यक्ति शामिल होंगे। फिर इन रेट को जन सुनवाई के लिए पब्लिक डोमेन में डाला जाएगा। लोगों से एक माह तक उनके सुझाव तथा आपत्तियां मांगी जाएंगी। उसके बाद डीसी रेट फाइनल कर दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि यह रेट फाइनल अप्रूवल के लिए वित्त एवं राजस्व विभाग के पास पहुंचेंगे। वहां स्क्रूटनी होगी तथा आकलन के बाद इन्हें मंजूरी प्रदान कर दी जाएगी। इन कलेक्टर रेट के बारे में तहसीलवार विभाग के पोर्टल पर भी जानकारी होगी तथा पूरे राज्य की एक पुस्तिका तैयार की जाएगी, जिसमें प्रत्येक तहसील और उसमें आने वाले गांवों में जमीनों के कलेक्टर रेट निर्धारित किए जाएंगे।