करनाल। नवरात्रि प्रारंभ हो चुके हैं और लोग व्रताहार के रूप में कुट्टू आटे से बनी पूरियां, पकौड़ियां आदि व्यंजनों का उपयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही कुट्टू के व्यंजनों के उपयोग से बीमार होने वालों की खबर आने लगी। यहां 25 लोगों के बीमार होने का समाचार मिला है।
Haryana: More than 25 sick due to eating kuttu flour dish
Karnal. Navaratri has started and people are using dishes made with Kuttu flour, pakoris etc. as a ritual. With this, news of people getting sick with the use of Kuttu dishes started coming. There have been reports of 25 people getting sick here. When people living in different places in Karnal reached the hospital, everyone got the same complaint of illness.
करनाल में अलग-अलग जगहों पर रहने वाले लोग जब अस्पताल पहुंचे, तो सबको एक ही तरह बीमारी की शिकायत सामने आई।
इन लोगों को पेट दर्द, उल्टी, दस्त, बदन दर्द की परेशानी थी।
इन सभी लोगों ने नवरात्र व्रत रखा था और अपराह्न काल में कुट्टू आटे से बने पकवान खाए थे।
डॉक्टर ने बताया कि प्राथमिक जानकारी के अनुसार 25 के आस-पास लोग बीमार हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है। इनमें से कुछ को दवाई देकर घर भेज दिया गया हैं।
कल्पना चावला मेडिकल अस्पताल के डॉक्टर नरेंद्र ने व्रत रखने वाले लोगों से अपील की है कि व्रत रखने वाले सभी लोग अच्छी क्वालिटी का आटा प्रयोग करें। कई बार आटा बहुत पुराना होता है। हो सकता है कि ऐसी समस्या पुराना आटा खाने से होती हो। यह फिलहाल जांच का विषय है।
फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए फूड एंड सप्लाई विभाग को इसकी जानकारी दे दी गई है। विभाग पूरे मामले की जांच कर रहा है कि कुट्टू का यह आटा कहां-कहां सप्लाई हुआ है, जिससे ये नौबत आई।
पौष्टिक तत्वों से भरपूर
नवरात्र के नौ दिन में सभी लोग दिल से व्रत करते हैं। व्रत के दौरान गेहूं का आटा नहीं खाया जाता है। इसकी जगह पर लोग कुट्टू का आटा खाने में इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि कुट्टू का आटा अनाज नहीं है, यह फल से बनता है। आपको बता दें कि कुट्टू का आटा पौष्टिक तत्वों से भरपूर है।
इसके फायदे के बारे में डॉक्टर्स भी बताते हैं कि कुट्टू का आटा प्रोटीन से भरपूर है और जिन्हें गेहूं से एलर्जी है वह गेहूं की जगह कुट्टू का आटा प्रयोग कर सकता है।
इसमें विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम, फॉलेट, जिंक, कॉपर, मैग्नीज, मैग्निशियम और फास्फोरस पाया जाता है।
इसके अलावा इसमें फाइटान्यूट्रिएंट रूटीन भी होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को कम करने में भी असरदार है। जो लोग सेलियक रोग से पीड़ित होते हैं, उन्हें कुट्टू का आटा खाने की सलाह दी जाती है।
कुट्टू के आटे को चबाना आसान नहीं होता। इसलिए इसे 6 घंटे पहले भिगो दिया जाता है। इसके बाद इसे नर्म करने के लिए पकाया जाता है, ताकि यह आसानी से पच सके। इसके आटे में ग्लूटन नहीं होता है। इसलिए इसे गूंथने के लिए आलू का इस्तेमाल किया जाता है ।
इस बात का खयाल रखें कि कुट्टू के आटे की पूरियां हाईड्रोजेनेरेट तेल या वनस्पति तेल से न बनायें, क्योंकि ऐसा करने से इसके लाभकार तत्व खत्म हो जाते हैं।
आपको बता देें कि इस आटे की पूरियां बनाने से अच्छा है कि आप इस आटे से बनी रोटियां खायें।
कुट्टू के आटे में 75 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 25 प्रतिशत हाई क्वालिटी प्रोटीन होता है, जो वजन को कम करने में मदद करता है और इसमें मौजूद अल्फा लाइनोलेनिक एसिड एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का कम करता है ।
यह एक अघुलनशील फाइबर है और गालब्लेडर में पथरी होने से बचाता है।
फाइबर से भरपूर और ग्लिसेमिक कम होने से यह डायबिटीज वालो के लिए भी अच्छा विकल्प है। कुट्टू के आटे का ग्लिसेमिक इंडेक्स 47 होता है।
कुट्टू के आटे में चाईरो इनोसिटोल की पहचान डायबिटीज रोकने वाले तत्व के रूप मे की गई है ।
सावधानी
कुट्टू का आटा बाजार में मिलावट के साथ बेचा जा रहा है, तो इसे खरीदते समय ध्यान रखें, क्योंकि खराब आटा प्रयोग करने से फूड प्वायजनिंग हो सकती है।