फरीदाबाद। प्रमुख औद्योगिक संगठन आईएमएसएमई आफ इंडिया ने देश में स्टील की बढ़ रही कीमतों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस संबंध में आवश्यकता इस बात की है कि सरकार स्टील की दरों में हो रही बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए रेगुलेट अथॉरिटी का गठन करे।
IMSME demands formation of Steel Regulatory Authority
आईएमएसएमई आफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला ने कहा है कि देश के विभिन्न राज्यों में जबकि कोरोना के कारण चल रहे लॉकडाउन उपरांत अब अनलॉक प्रक्रिया आरंभ की गई, ऐसे में स्टील व अन्य रॉ मैटीरियल की कीमतों में बढ़ोतरी चिंताजनक है।
चावला के अनुसार रॉ मैटीरियल की कीमतों में बढ़त का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सितंबर 2020 से जून 2021 तक 6 बार स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी की गई और छह माह में यह बढ़ोतरी लगभग 100 फीसदी तक पहुंच गई है। यही नहीं एचआर शीट, कॉपर, कोल्ड रोल की कीमतों में 50 से 67 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की जा रही है, जोकि वर्तमान समय में एमएसएमई सेक्टर्स के लिये काफी चिंताजनक है।
चावला का कहना है कि रॉ मैटीरियल की कीमतों में बढ़ोतरी से सबसे अधिक प्रभाव उन इकाईयों पर पड़ रहा है, जो रेलवे, डिफेंस व सरकारी उपक्रमों में अपने उत्पादन दे रहे हैं और उन्हें उत्पादन की कीमतों में बढ़त नहीं मिलती है, क्योंकि उनका कांट्रैक्ट वार्षिक आधार पर होता है।
चावला के अनुसार कोविड के दौरान कई कंसेप्ट में परिवर्तन देखा गया है। सरकार द्वारा स्कूलों की फीस से लेकर अस्पतालों में इलाज, वैक्सीनेशन के रेट व अन्य कई चीजों की कीमतों को निर्धारित किया गया है। इससे पूर्व विद्युत रेगुलेटरी कमीशन भी मौजूद है, जहां विद्युत निगमों को कीमतों में बढ़ोत से पूर्व रेगुलेटरी कमीशन की अनुमति लेनी पड़ती है।
चावला का मानना है कि यदि स्टील की कीमतों के लिए भी रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन किया जाए, तो इससे उपभोक्ताओं को काफी लाभ मिल सकता है, क्योंकि स्टील की कीमतों में मनमानी के साथ की गई बढ़ोतरी पर रोक लगेगी।
आपने स्पष्ट करते हुए कहा है कि स्टील आज हमारे जनजीवन का एक हिस्सा बन चुका है जिसकी कीमतों में बढ़ोत से उद्योग ही नहीं आम जनता का जीवन भी प्रभावित होता है। घरों में बर्तन से लेकर मकान के निर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑटोमोबाइल इत्यादि में स्टील का उपयोग हो रहा है और जिस प्रकार कीमतों में बढ़ोत दर्ज की जा रही हैं उसका सभी पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।
चावला ने इस संबंध में केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय व कैबिनेट मंत्री नितिन गडक से आग्रह किया है कि वे इस संबंध में हस्तक्षेप करें और रॉ मैटीरियल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिये कदम उठाएं।
चावला ने विश्वास व्यक्त किया है कि सरकार वर्तमान समय में उद्योगों की विवशता व परेशानियों को समझेगी और उद्योग व जनहित में प्रभावी निर्णय लेते हुए स्टील रेगुलेट अथॉरिटी का गठन किया जाएगा।