फरीदाबाद। लव जिहाद के मामले में निकिता तोमर की हत्या की गई थी। देश के इस बहुचर्चित मामले में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। हालांकि कोरोना के चलते पुलिस की एसआईटी टीम ने सीधे कोट में चार्जशीट दाखिल नहीं की है, बल्कि उसे अदालत के सुविधा केंद्र में जमा करवाया है। सुविधा केंद्र से चार्जशीट अदालत में भेजी जाएगी।
Nikita Murder Case: Police unusually filed charge sheet in court
Faridabad. Nikita Tomar was killed in the case of Love Jihad. Police has filed a chargesheet in the court in this much talked about country. However, due to Corona, the SIT team of the police has not filed the charge sheet directly in the coat, but has submitted it to the Facilitation Center of the court. The charge sheet from the Facilitation Center will be sent to the court. A 700-page charge sheet has been prepared by the SIT, which has 60 witnesses. The charge sheet has been prepared in a record time (only 11 days) under the SIT’s day-to-day hard work and guidance of higher officials.
एसआईटी द्वारा 700 पेज की चार्जशीट तैयार की गई है, जिसमें 60 गवाह हैं।
एसआईटी के द्वारा की गई दिन-रात की मेहनत एवं उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में एक रिकॉर्ड समय ( मात्र 11 दिन) में चार्जशीट तैयार की गई है।
चार्जशीट को डिजिटल, फोरेंसिक एवं मेटेरियल एविडेंस के आधार पर अनुभवी अनुसंधान अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया है, जिसका पुलिस आयुक्त ओपी सिंह द्वारा बारीकी से अवलोकन किया गया है। वरिष्ठ कानूनी विशेषज्ञों द्वारा केस के हर लीगल पहलू की गहराई से स्क्रूटनी की गई है।
डिजिटल एवं फॉरेंसिक साइंस एविडेंस और चश्मदीद गवाह व अन्य पुख्ता सबूत के आधार पर आरोपियों को शीघ्र दिलवाई जाएगी कड़ी सजा।
आपको बता दें कि 26 अक्टूबर को परीक्षा देकर अपनी सहेली के साथ घर लौट रही छात्रा निकिता तोमर की बल्लभगढ़ अग्रवाल कॉलेज के गेट के बाहर मुख्य आरोपी तौसीफ ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस वारदात को अंजाम देने में उसका साथी रेहान भी शामिल था। दोनों आरोपी वारदात को अंजाम देकर कार से फरार हो गए थे।
घटना की सूचना मिलने पर थाना शहर बल्लभगढ़ में हत्या व आर्म्स एक्ट की धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया था।
पुलिस आयुक्त ने तुरंत एसीपी क्राइम अनिल यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की 10 टीमें आरोपियों की धरपकड़ में लगाई गई थीं और स्वयं मॉनिटरिंग करते रहे थे।
मात्र 5 घंटे में क्राइम ब्रांच ने गोली मारने वाले मुख्य आरोपी तौसीफ को नूंह से गिरफ्तार किया था।
उसके बाद पुलिस आयुक्त ने वारदात की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एसपी क्राइम अनिल यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच डीएलएफ प्रभारी अनिल कुमार सहित अनुभवी अनुसंधान अधिकारियों को शामिल कर एक एसआईटी का गठन किया था।
दूसरे आरोपी रेहान को भी नूहं से गिरफ्तार किया गया।
इसके साथ ही आरोपियों को हत्या की वारदात को अंजाम देने के लिए देसी कट्टा उपलब्ध कराने वाले तीसरे आरोपी अजरू को भी नूंह से गिरफ्तार किया गया।
वारदात में प्रयोग गाड़ी को भी बरामद किया गया।
एसआईटी निरंतर अनुसंधान कार्य में जुटी रही और केस की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए हर सबूत को इकट्ठा करती रही। ताकि आरोपियों को सख्त सजा दिलाई जा सके।
एसआईटी ने दिन रात काम करके एक रिकॉर्ड समय में केस से संबंधित डिजिटल, फॉरेंसिक व मैटेरियल सबूतों और गवाहों के आधार पर चार्जशीट तैयार की, जिसकी पुलिस के उच्च अधिकारियों सहित कानून विशेषज्ञों द्वारा बारीकी से आंकलन किया गया।
पुलिस आयुक्त द्वारा नितिका के भाई और मामा को आर्म लाइसेंस दिया गया। इसके साथ ही परिवार के प्रत्येक सदस्य को गनमैन दिया गया है। इस केस की आई विटनेस के पिता को भी गन का लाइसेंस दिया गया है। ताकि वो सभी निर्भय होकर अपने केस की पैरवी करें सकें।