इंदौर। हनी ट्रैप कांड में गिरफ्तार 40 वर्षीय महिला आरोपी इंदौर की जेल में बंद है। इस दौरान महिला की जेल के साथ बातचीत की खुफिया तरीके से खींची गयीं तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। जेल विभाग ने इन तस्वीरों के पीछे कारागार स्टाफ के ही किसी व्यक्ति का हाथ होने का संदेह जताते हुए मामले की जांच का आदेश दिया है।
Photo of Shweta and jailer with honeytrap in Indore jail goes viral
Indore. A 40-year-old woman accused in the Honey Trap case is lodged in a jail in Indore. During this time, the intelligence photos of the woman’s interaction with the jail have gone viral on social media. The jail department has ordered an inquiry into the case, suspecting that the prison staff is the hand of someone.
वायरल तस्वीरों में जेलर केके कुलश्रेष्ठ जेल के महिला वॉर्ड में बने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष के बाहर बरामदे में कुर्सी पर बैठे नजर आते हैं, जबकि हनी ट्रैप कांड के आरोपियों में शामिल श्वेता विजय जैन (40) उनके पास खड़ी होकर उनसे बातें करती दिखायी दे रही है। जेल विभाग के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) संजय पांडेय ने गुरुवार को जिला जेल के दौरे के बाद बताया कि हमने इन तस्वीरों का संज्ञान लिया है।
केंद्रीय जेल के अधीक्षक राकेश कुमार भांगरे को आदेश दिया गया है कि वह हनी ट्रैप कांड की विचाराधीन कैदी श्वेता विजय जैन के साथ जिला जेल के जेलर केके कुलश्रेष्ठ की बातचीत की खुफिया तरीके से फोटो खींचने के मामले में जांच करें।
डीआईजी ने बताया कि केंद्रीय जेल अधीक्षक को इस मामले में हफ्ते भर के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
पांडेय ने कहा कि यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि जिला जेल में विवादास्पद तस्वीरें कब खींची गयी थीं?
पांडेय ने कहा कि वायरल तस्वीरों में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है क्योंकि सभी जेलरों का दायित्व होता है कि वे हर रोज जेल के सभी वॉर्डों का भ्रमण कर इंतजामों का जायजा लें।
उन्होंने कहा कि पहली नजर में लग रहा है कि जिला जेल के भीतर गुप्त रूप से तस्वीरें खींचे जाने और इन्हें वायरल करने के पीछे जेल स्टाफ के ही किसी व्यक्ति का हाथ है। जेल में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल से इस तरह फोटो खींचना गंभीर अपराध है।
डीआईजी ने बताया कि वह जिला जेल में हफ्ते भर के भीतर करीब 50 कैदियों के कोविड-19 से संक्रमित होने के मद्देनजर महामारी से बचाव के उपायों का जायजा लेने इंदौर आये थे और उन्होंने जेल अफसरों को जरूरी निर्देश दिये हैं।
श्वेता विजय जैन समेत हनी ट्रैप गिरोह की पांच महिलाओं और उनके ड्राइवर को भोपाल और इंदौर से सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने इस मामले में एक स्थानीय अदालत में 16 दिसंबर 2019 को पेश आरोप पत्र में कहा था कि यह संगठित गिरोह मानव तस्करी के जरिये भोपाल लायी गयी युवतियों का इस्तेमाल कर धनवान लोगों और ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों को अपने जाल में फांसता था।
फिर अंतरंग पलों के खुफिया कैमरे से बनाये गये वीडियो, सोशल मीडिया चौट के स्क्रीनशॉट आदि आपत्तिजनक सामग्री के आधार पर उन्हें ब्लैकमेल करता था।
आरोप पत्र के मुताबिक हनी ट्रैप गिरोह ने अपने जाल में फंसे रसूखदारों को धमकाकर उनसे सरकारी कारिंदों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की सिफारिशें तक करायी थीं और इन कामों के आधार पर भी अवैध लाभ कमाया था। हनी ट्रैप कांड का मामला फिलहाल जिला अदालत में विचाराधीन है।