फरीदाबाद। प्रदेश सरकार द्वारा मुजेड़ी घोटाले को लेकर तिगांव की बीपीडीओ पूजा शर्मा को सस्पेंड करने व इस मामले में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद अब यह मामला तूल पकडने लगा है। इसी कड़ी में पृथला विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता पं. टेकचंद शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग की है कि पंचायतों में हो रहे घोटालों की एसआईटी का गठन करके निष्पक्ष जांच कराई जाए, तभी दूध का दूध और पानी का पानी सामने आएगा, क्योंकि एक अधिकारी अकेले ही इतना बड़ा घोटाला नहीं कर सकती, इसमें पर्दे के पीछे कुछ सफेदपोश नेता संलिप्त है, जो इस मामले को दबाने का काम कर रहे है।
Scams in panchayats should be investigated by SIT: Tekchand Sharma
पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा ने कहा कि जहां तक घोटाले की बात है तो पहले पंचायतें सेल्फ फाईनेंसिंग होती थी, जिन पंचायतों में पैसा पड़ा हुआ है, वहां विधायक तक कम बात पहुंचती थी, बीडीपीओ, डीडीपीओ, ग्राम सचिव और सरपंच मिलकर काम करते थे, लेकिन मनोहर सरकार में पंचायतों को आधुनिककरण किया गया है, जिससे एक-एक रूपए का हिसाब आसानी से लग जाता है।
उन्होंने कहा कि कितनी बड़ी विडंबना है कि उनके कार्यकाल मेें मंजूर हुए विकास कार्यो का उद्घाटन करने मौजूदा विधायक जब लदियापुर जाते है तो वहां वही शख्स उनका माला डालकर स्वागत करता है, जिसका नाम मुजेड़ी घोटाले की एफआईआर में दर्ज है, इससे यह स्पष्ट ऐसे लोगों को विधायक व पूर्वमंत्री का संरक्षण हासिल है। टेकचंद शर्मा ने स्पष्ट किया कि मनोहर सरकार में गलत आदमियों को संरक्षण कतई नहीं दिया जाएगा और इस बारे में अवगत करवाया जाएगा।
उन्होंने सोतई गांव में हुए घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि इस गांव में भी 20-22 करोड़ का ऐसा ही घोटाला हुआ है, जहां एक काम की पैमेंट दो विभागों जनस्वास्थ्य विभाग व ग्राम पंचायत से हुई है, इसकी जांच भी लोकायुक्त, विजिलेंस तथा एसडीएम द्वारा की जा रही है, जो कि पिछले तीन सालों से कछुआ गति से हो रही है, इसकी जांच में तेजी लाई जाए।
शर्मा ने मुख्यमंत्री से मांग की कि इन घोटालों की जांच के लिए स्पेशल इन्वेंटीगेशन टीम (एसआईटी) गठित करें और इसकी निष्पक्ष जांच करवाएं ताकि सफेदपोश लोगों की हिस्सेदारी उजागर हो और जनता के समक्ष उनका असली चेहरा सामने आ सके।