नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा, “अब, 150 साल बाद ‘वंदे मातरम्’ की शान को वापस लाने का यह एक अच्छा मौका है, जिसने हमें 1947 में आजादी दिलाई थी।” इसके बाद जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा है कि “वंदे मातरम” की बातें ऐसी मान्यताओं पर आधारित हैं जो इस्लामी एकेश्वरवाद के खिलाफ हैं; इसके चार छंदों में, वतन को एक देवी और दुर्गा माता के समान बताया गया है, और इबादत से जुड़े शब्दों का इस्तेमाल किया…
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