चंडीगढ़। हरियाणा के उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा कुटीर, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों की बदली गई परिभाषा के मद्देनजर हरियाणा में भी इस क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अलग से एमएमएमई निदेशालय गठित करने का निर्णय लिया गया है ताकि एक ही छत के नीचे एमएसएमई उद्यमियों को सभी प्रकार के विभागीय अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने व उद्यम स्थापित करने के लिए अन्य प्रक्रियाओं की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके।
उप-मुख्यमंत्री जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने इस सम्बन्ध में आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य में इन उद्योगों में आर्थिक लेन-देन तो बढ़ेगा ही और साथ ही देश के औद्योगिक एवं आर्थिक विकास में बड़े उद्योगों की तरह इनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी।
श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नई एमएसएमई की नई परिभाषा में विनिर्माण व सेवा क्षेत्र में प्लांट एवं मशीनरी या उपकरण को निवेश के स्थान पर संशोधित वर्गीकरण में निवेश एवं वार्षिक कारोबार किया गया है तथा इसमें निवेश व वार्षिक कारोबार की सीमा को भी बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि पहले सूक्ष्म उद्योग के अंंतगर्त विनिर्माण क्षेत्र में निवेश की सीमा 25 लाख रुपये तथा सेवा क्षेत्र में यह 10 लाख रुपये थी, जिसे संयुक्त रूप से बनाई गई नई श्रेणी में बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये तथा वार्षिक कारोबार 5 करोड़ रुपये तक किया गया है।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार लघु उद्योग के अंंतगर्त विनिर्माण क्षेत्र में निवेश की सीमा जो पहले 5 करोड़ रुपये तथा सेवा क्षेत्र में 2 करोड़ रुपये थी, जिसे संयुक्त रूप से बनाई गई नई श्रेणी में बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये तथा वार्षिक कारोबार के लिए 50 करोड़ रुपये तक किया गया है, जबकि मध्यम उद्योग में निवेश की सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये तथा वार्षिक कारोबार के लिए इसे बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये किया गया है, जो पहले इस क्षेत्र के विनिर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये व सेवा क्षेत्र में 5 करोड़ रुपये थी।
श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र तथा विनिर्माण क्षेत्र के साथ-साथ सेवा क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद दर में महत्वपूर्ण योगदान है तथा हरियाणा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, विशेषकर गुरुग्राम में सेवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है। केन्द्र सरकार द्वारा सेवा क्षेत्र को एमएमएमई में शामिल करने की घोषणा से प्रदेश के राजस्व में भी निश्चित रूप से वृद्धि होगी।
श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश में भी अगस्त माह तक नई उद्यम प्रोत्साहन नीति-2020 को तैयार किया जा रहा है, जिसमें एमएसएमई पर मुख्य रूप से ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
उन्होंने युवाओं का आह्वान भी किया है कि वे उद्यमशील बनने की ओर भी अग्रसर हों क्योंकि केन्द्र सरकार ने कुटीर, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को बदलकर इनके पूंजी निवेश व वार्षिक कारोबार का दायरा भी बढ़ाया है।
श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा घोषित किये गए आर्थिक पैकेज का मुख्य उद्देश्य लॉकडाउन के बाद औद्योगिक एवं अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को अपनी पहले जैसी सामान्य स्थिति की ओर लाना है, जो राज्य सरकार की भी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा का प्रयास रहेगा कि केन्द्र सरकार की तरफ से दिए जाने वाले आर्थिक पैकेज में से प्रदेश को अधिक से अधिक राशि मिले ताकि इस पैकेज से एमएसएमई उद्योगों को एक लिवरेज मिले।
उन्होंने बताया कि एमएसएमई के लिए ट्रेड फेयर व एक्जीबीशन के लिए ‘ई-मार्किट’ प्लेटफार्म की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि इस प्लेटफार्म से उद्यमियों का डाटा उपलब्ध्य हो सके। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने इससे पहले भी एमएसएमई उद्यमियों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। एमएसएमई उद्यमियों की बैंकों से सम्बंधित मुद्दों के समाधान के लिए वित्त विभाग ने अलग से एक प्रकोष्ठ का गठन किया है।