फजीहत करवाने के बाद चीनी सेना ने लद्दाख से उखाड़े डेरा-तंबू

नई दिल्ली। चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स और गोग्रा में झड़प वाले क्षेत्रों से अस्थायी ढांचों को हटा दिया है और मंगलवार को लगातार दूसरे दिन सैनिकों की वापसी का सिलसिला जारी रहा। भारतीय सेना उनकी पीछे हटने की गतिविधि पर कड़ी नजर रख रही है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।

Chinese army uprooted tent from Ladakh

गोग्रा और हॉट स्प्रिंग्स ऐसे बिंदु है जहां पिछले आठ सप्ताह से दोनों देशों की सेनाओं के बीच संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों ने बताया कि इन दो क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने का काम दो दिन में पूरा होने की संभावना है और इन क्षेत्रों से चीनी सेना द्वारा सैनिकों की पर्याप्त वापसी भी की गई है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को टेलीफोन पर बात की थी जिसमें वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों के ”तेजी से पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमत हुए थे, जिसके बाद सोमवार की सुबह सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।

सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना क्षेत्र में सैनिकों की वापसी के मद्देनजर अपनी निगरानी को कम नहीं कर रही है और किसी भी घटना से निपटने के लिए उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखना जारी रखेगी। उन्होंने बताया कि दोनों सेनाओं के बीच सैनिकों की वापसी प्रक्रिया के पहले चरण के बाद इस सप्ताह के अंत में और बातचीत होने की उम्मीद है।

बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सेनाओं के बीच गतिरोध कम करने के प्रयासों के बीच 15 जून को गलवान घाटी में तीन घंटे तक दोनों सेनाओं के बीच चले खूनी संघर्ष में भारतीय सेना के एक कमांडिग अधिकारी (कर्नल) समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। इस झड़प में 40 से ज्यादा चीनी जवान भी मारे गए थे। घटना वाले दिन घायल सैनिकों की तलाश में चीनी हैलीकॉप्टर दिन भर एलएसी के करीब देखे गए थे। इसके बाद से भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया था।

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