भरतपुर। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष किरोड़ी बैसला ने सरकार को 1 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है कि गुर्जर आरक्षण के संबंध में उनकी मांगें नहीं गईं, तो 1 नवंबर से गुर्जर समुदाय बड़ा आंदोलन शुरू कर देगा।
Colonel Kirori Baisla warns of Gujjar agitation from 1 November
Bharatpur. Kirori Baisla, chairman of the Gurjar Reservation Sangharsh Samiti, has given an ultimatum till November 1 to the government that the Gurjar community will start a big agitation from 1 November if their demands regarding Gurjar reservation are not met.
यहां गुर्जर समुदाय की ओर से महापंचायत का आयोजन किया गया।
इस महापंचायत में कर्नल किरोड़ी बैसला दोपहर तीन बजे पहुंचे और लोगों को संबोधित किया।
कर्नल किरोड़ी बैसला के अतिरिक्त कर्नल के बेटे विजय बैसला, कैपटन हर प्रसाद, कैपटन जग प्रसाद, अतर सिंह एडवोकेट, भूरा भगत, राजा राम अड्डा और पूर्व पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध सिंह ने महापंचायत को संबोधित किया।
कर्नल किरोड़ी बैसला ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि राजस्थान में गुर्जरों सहित पांच अन्य पिछड़े वर्गों को दिए गए 5 प्रतिशत आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था नहीं की गई, तो गुर्जर बड़ा आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।
कर्नल किरोड़ी बैसला ने कहा कि उनकी मांगें वाजिब हैं। राज्य सरकार इन मांगों को पूरी कर दे, नहीं तो हम संघर्ष करेंगे।
कर्नल किरोड़ी बैसला के ऐलान के बाद गुर्जर समाज के कई बड़े नेताओं और चौधरियों ने बयाना उपखंड के गांव अड्डा में डेरा जमा लिया है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के लिए गुर्जर युवा पूरी तरह तैयार हैं। किंतु यह समय फसल की कटाई का है। इसलिए नवंबर से आंदोलन शुरू किया जाएगा।
कर्नल के बेटे विजय बैसला ने कहा कि अनिरुद्ध सिंह ऐसे जाट नेता हैं, जिन्हें गुर्जर आंदोलन का समर्थन मिला है।
बयाना गुर्जर आरक्षण के आंदोलनकारियों का पहले भी कई बार केंद्र रह चुका है।
यहां खासी संख्या में गुर्जर बहुल आबादी वाले गांव हैं।
यहां दिन भर सरकार की ओर से भेजे गए विशेष दूत आईएएस नीरज. के. पवन से किरोड़ी समेत सभी नेताओं की वार्ता चली।
पवन कई बार गुर्जर आंदोलनकारियों और राजस्थान सरकार के बीच मध्यस्थता कर चुके हैं।
उनके साथ ही समाज के लोगों के बीच भी आरक्षण के विभिन्न पहलूओं पर चर्चा हुई।
शाम को आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष किरोड़ी बैसला ने सरकार को कड़े शब्दों में अल्टीमेटम दे दिया। साथ ही मांग पूरी न होने पर प्रदेश का चक्का जाम करने की चेतावनी भी दी।
इस समय बयाना क्षेत्र पुलिस छावनी बन गया है।
लगभग 2500 पुलिस कर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किया गया है।
कोटा-दिल्ली रेल मार्ग की विशेष तौर पर सुरक्षा की जा रही है।