फरीदाबाद। शनिवार को एक बार फिर डीपीएस 19 के अभिभावकों ने स्कूल गेट के सामने मनमानी फीस का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने प्रिंसिपल से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्होंने मुलाकात के लिए नहीं बुलाया। इसके बाद उन्होंने स्कूल प्रबंधक से कहा कि पेरेंट्स मांगी जा रही फीस देने को तैयार है, लेकिन उससे पहले पेरेंट्स को फीस का ब्रेकअप व स्कूल की आमदनी और खर्चे का ब्यौरा बताया जाए जिससे पता चल सके कि स्कूल लाभ में हैं या घाटे में लेकिन स्कूल प्रबंधक ने ऐसा करने से मना कर दिया। इससे नाराज होकर अभिभावकों ने आज पुनः गेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया है।
Faridabad: DPS principal refuses to show school income and expenses, parents protestfiercely
Faridabad. On Saturday, the parents of DPS 19 once again protested in front of the school gate protesting against arbitrary fees and raised fierce slogans. Parents say they asked for an appointment with the principal but did not call for an appointment. After this, he told the school manager that the parents are ready to pay the fees being asked, but before that, the parents should be told the details of the breakup of fees and the income and expenses of the school, so that the school is in profit or in loss but the school The manager refused to do so. Angered by this, the parents again protested in front of the gate today.
अभिभावकों ने कहा कि अगर स्कूल प्रबंधक ने ट्रांसपोर्ट फीस, एनुअल चार्ज आदि फंड लेने का जो नोटिस पेरेंट्स को भेजा है वह वापस नहीं लिया, तो ऐसा विरोध प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा।
विरोध प्रदर्शन को लेकर मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा का कहना है कि स्कूल प्रबंधक तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं। राज्य व जिला प्रशासन का पूरा संरक्षण उनको मिला हुआ है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री 15 अगस्त को डीपीएस 81 के एक कार्यक्रम में गए थे और वहां पर स्कूल प्रबंधकों से मीटिंग की थी, तब से तो स्कूल वालों की मनमानी और अधिक बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधक हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले को आधार मानकर पेरेंट्स से ट्रांसपोर्ट फीस, एनुअल चार्ज, बढ़ी हुई ट्यूशन फीस तिमाही आधार पर मांग रहे हैं। जब कि सच्चाई यह है कि शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के दिए गए फैसले के बाद अभी तक कोई नया आदेश नहीं निकाला है। अभी भी सरकार का वही आदेश लागू है, जिसमें कहा गया है कि स्कूल प्रबंधक गत वर्ष 2019 की बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस ही अभिभावकों से वसूलें इसके अलावा अन्य कोई फंड न लें। अगर आर्थिक कारणों से कोई अभिभावक यह फीस भी देने में असमर्थ हैं, तो फीस को लेकर किसी भी हालत में न तो बच्चे की ऑनलाइन पढ़ाई बंद करें और ना बच्चे का नाम काटें।
उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री ने फरीदाबाद में सार्वजनिक तौर पर कहा है कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच का फैसला अभिभावकों के हित में नहीं है। इसीलिए सरकार इस फैसले के खिलाफ डबल बेंच में शीघ्र ही अपील करने जा रही है।
मंच ने सभी स्कूल प्रबंधकों से कहा है कि वे अभिभावकों से गत वर्ष की ही ट्यूशन फीस मासिक आधार पर लें इसके अलावा अन्य किसी फीस व फंड के लिए अभिभावकों पर दबाव न डालें। जिन अभिभावकों से बढ़ी हुई फीस वसूल कर ली है, उसको आगे की फीस में एडजस्ट करें।
मंच अभिभावकों की सभी मांगों का समर्थन करता है और उनके साथ है।
प्रदर्शन में अभिभावक मनीष, सुनील, अखिलेश, जॉनी, निपुण, श्वेता, हीना, पूजा चौधरी, हिमांशु हर्ष, विवेक, अतुल, भारत, आशुतोष, अंकित, गगन, रीपुदमन, शैलेश, निशांत, विपिन, विशाल, गौरव, हर्षुल, विनी, संदीप सहित सैकड़ों अभिभावकों ने भाग लेकर अपनी एकजुटता का परिचय दिया।