फरीदाबाद। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर लगाम कसने के लिए फरीदाबाद पुलिस लगातार सक्रिय है। इसी कड़ी में साइबर थाना बल्लभगढ़ की टीम ने एक बड़े ऑनलाइन ठगी मामले का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर 786 सीरीज के करेंसी नोट को ऊंची कीमत पर खरीदने का झांसा देकर एक व्यक्ति से लाखों रुपये की ठगी करने का आरोप है। पुलिस ने आरोपी को पुनहाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

मुख्य आरोपी जुबेर
786 अंक का इस्लाम में महत्व
इस्लाम में 786 अंक को लेकर आम लोगों में काफी चर्चा और मान्यता पाई जाती है, लेकिन इसका वास्तविक धार्मिक महत्व समझना जरूरी है। इस्लाम के मूल स्रोत क़ुरआन और हदीस में 786 को किसी पवित्र या धार्मिक संख्या के रूप में मान्यता नहीं दी गई है। यानी, यह इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।
दरअसल, 786 को दक्षिण एशिया (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश) में “बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम” का संक्षिप्त संख्यात्मक रूप माना जाता है। यह मान्यता अबजद प्रणाली (Abjad System) पर आधारित है, जिसमें अरबी अक्षरों को संख्यात्मक मान दिए जाते हैं। जब “बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम” के अक्षरों का योग किया जाता है, तो कुछ विद्वानों के अनुसार उसका कुल मान 786 आता है। इसी कारण लोग पत्रों, निमंत्रणों या खातों की शुरुआत 786 से करते हैं।
हालांकि, कई इस्लामी विद्वान स्पष्ट करते हैं कि 786 लिखना “बिस्मिल्लाह” का विकल्प नहीं है। क़ुरआन और हदीस में हर कार्य की शुरुआत सीधे बिस्मिल्लाह पढ़कर करने की शिक्षा दी गई है, न कि किसी संख्या से।
इस्लाम में असली महत्व संख्या का नहीं, बल्कि नीयत (इरादा), ईमान और अल्लाह के नाम के सम्मान का है। इसलिए 786 को धार्मिक आदेश नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक परंपरा के रूप में देखा जाता है।
यूट्यूब रील से शुरू हुआ ठगी का जाल
पुलिस के अनुसार, सीही क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने साइबर थाना बल्लभगढ़ में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि जुलाई माह में वह YouTube पर रील्स देख रहा था, इसी दौरान उसे 786 सीरीज के नोट खरीदने से संबंधित एक आकर्षक विज्ञापन दिखाई दिया। वीडियो में दावा किया गया था कि इस विशेष सीरीज के नोटों की बाजार में काफी अधिक कीमत मिलती है।
जिज्ञासा और लालच में आकर शिकायतकर्ता ने विज्ञापन में दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। यहीं से ठगों ने उसे अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया।
नोटों की फोटो भेजने को कहा, फिर शुरू हुई पैसों की मांग
ठगों ने शिकायतकर्ता से कहा कि वह अपने पास मौजूद 786 सीरीज के नोटों की फोटो खींचकर उन्हें भेजे। फोटो देखने के बाद ठगों ने दावा किया कि केवल पांच नोटों के बदले उसे 34 लाख 21 हजार रुपये दिए जाएंगे। यह रकम सुनकर शिकायतकर्ता पूरी तरह उनके झांसे में आ गया।
इसके बाद ठगों ने सौदे को आगे बढ़ाने के नाम पर पहले रजिस्ट्रेशन शुल्क के तौर पर 1550 रुपये ट्रांसफर करवाए। फिर सरकारी फीस का हवाला देकर 12,499 रुपये और मांगे गए। एक के बाद एक बहाने बनाकर आरोपी लगातार पैसों की मांग करता रहा।
1.20 लाख रुपये की ठगी
शिकायतकर्ता ने जब तक स्थिति को समझा, तब तक वह अलग-अलग खातों में कुल 1,20,548 रुपये ट्रांसफर कर चुका था। इसके बाद भी जब ठगों ने पैसे देने में टालमटोल शुरू की और और रकम मांगने लगे, तब उसे ठगी का एहसास हुआ। पीड़ित ने तुरंत साइबर थाना बल्लभगढ़ में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
साइबर थाना बल्लभगढ़ की कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाना बल्लभगढ़ की विशेष टीम गठित की गई। तकनीकी साक्ष्यों, कॉल डिटेल्स और डिजिटल ट्रांजेक्शन की जांच करते हुए पुलिस आरोपी तक पहुंची। जांच के दौरान पुलिस को अहम सुराग मिले, जिसके आधार पर मुख्य आरोपी की पहचान की गई।
16 दिसंबर को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी जुबेर को पुनहाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।
सोशल मीडिया बना ठगी का माध्यम
पूछताछ में आरोपी जुबेर (33) निवासी गांव नहेदा, पुन्हाना ने स्वीकार किया कि उसने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर विशेष सीरीज के नोट खरीदने से जुड़े विज्ञापन डाले थे। इन विज्ञापनों में उसने अपने मोबाइल नंबर दिए हुए थे, ताकि लोग सीधे संपर्क करें।
जब कोई व्यक्ति कॉल करता था, तो आरोपी उसे नोटों की अधिक कीमत का लालच देकर अपने झांसे में ले लेता था। इसके बाद अलग-अलग फीस और चार्ज के नाम पर धीरे-धीरे रकम ऐंठ ली जाती थी।
पुलिस रिमांड पर आरोपी
फिलहाल आरोपी को चार दिन के Police Remand पर लिया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस ठगी में और कौन-कौन शामिल है, कितने लोगों को अब तक शिकार बनाया गया और ठगी की रकम कहां-कहां ट्रांसफर की गई।
साइबर पुलिस को आशंका है कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय हो सकता है और कई राज्यों में लोगों को इसी तरह ठगा गया हो।
पुलिस की जनता से अपील
फरीदाबाद पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर दिखने वाले ऐसे किसी भी विज्ञापन के झांसे में न आएं, जिसमें पुराने या विशेष सीरीज के नोटों के बदले मोटी रकम देने का दावा किया जाता हो। इस तरह के ऑफर अक्सर Cyber Fraud का हिस्सा होते हैं।
पुलिस का कहना है कि किसी भी संदिग्ध कॉल, मैसेज या ऑनलाइन ऑफर की तुरंत सूचना साइबर हेल्पलाइन या नजदीकी थाने में दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
786 सीरीज के नोट के नाम पर सामने आया यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि साइबर ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। हालांकि, साइबर थाना बल्लभगढ़ की तत्परता से मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी ने यह संदेश जरूर दिया है कि कानून के लंबे हाथ साइबर अपराधियों तक पहुंच ही जाते हैं।
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