मलेशिया के पूर्व पीएम महातिर ने माना कश्मीर पर बोलकर भारत से रिश्ते बिगाड़ लिए

कुआललंपुर। मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने माना है कि कश्मीर पर उनकी टिप्पणी के कारण भारत के साथ उनके देश के रिश्तों में तनाव आया। उन्होंने यह भी कहा उनके नेतृत्व के दौरान कश्मीर के अलावा दोनों देशों के बीच संबंध बहुत अच्छे रहे। महातिर एक समय में दुनिया के सबसे लंबे वक्त तक सेवा देने वाले निर्वाचित नेता थे। वह नई पार्टी का गठन कर सत्ता में फिर वापसी करने की कोशिश में हैं।

Former Malaysian PM Mahathir agreed to spoil relations with India by speaking on Kashmir

कश्मीर पर टिप्णियों से बिगड़े दोनों देशों के रिश्ते
महातिर के हवाले से डब्ल्यूआईओएन समाचार चैनल ने कहा कि भारत के साथ रिश्तों में तनाव कश्मीर पर मेरी टिप्पणी के कारण हुआ। लेकिन, उसके अलावा संबंध बहुत अच्छे थे, यहां तक कि मेरे नेतृत्व में भी रिश्ते अच्छे थे। दरअसल, सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान महातिर ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।

भारत के साथ हमारे अच्छे संबंध

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के साथ हमारे संबंध हमेशा बहुत अच्छे रहे हैं… लेकिन कभी-कभी मामूली गड़बड़ियों, घटनाओं के कारण उस वक्त रिश्तों पर तत्काल प्रभाव पड़ा, मगर बहुत तेजी से ही हमने अपने संबंधों में ऐसे तनावों को दूर कर दिया।

सबसे पहले पीएम मोदी से मिला

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन वैश्विक नेताओं में शामिल हैं जो मेरे दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर सबसे पहले मिले थे। महातिर ने कहा कि जाहिर तौर पर, हम बहुत वक्त पहले मिले थे। मैं भूल गया था, लेकिन पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले की हमारी एक तस्वीर दिखाई। महातिर ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और उनके साथ अच्छी चर्चा हुई थी।

हम भारत से हमेशा अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं

एक सवाल के जवाब में महातिर ने कहा कि हम हमेशा अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं, भले ही भारत का प्रधानमंत्री कोई भी हो। जो भी भारत का प्रधानमंत्री होता है, हम उससे अच्छे संबंध बनाते हैं।

पूछा गया क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक शक्ति के तौर पर उभर रहा है तो महातिर ने कहा- हां।

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मोदी की घरेलू नीतियां भारत की पूर्व की सरकारों से भिन्न हैं।

उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र रहे हैं और मेरे ख्याल से यह अहम है कि अपने उस रूख को जारी रखें, जो भारत ने तब लिया था जब वह स्वतंत्र हुआ था।

भारत ज्यादा उदारवादी, चीन नहीं स्वीकारता आलोचना

पूछा गया कि उन्होंने भारत के मुसलमानों के खिलाफ चिंता क्यों जाहिर की जबकि चीनी मुसलमानों को लेकर कोई रूख अख्तियार नहीं किया, तो महातिर ने कहा कि भारत और चीन के साथ हमारे रिश्ते एक जैसे नहीं हैं। भारत के साथ हमें लगता है कि आप ज्यादा उदारवादी, आलोचनाओं को स्वीकार करने के लिए अधिक इच्छुक हैं। मगर आप जानते हैं कि चीन ऐसा नहीं करता है। उनके पास अलग प्रणाली और अलग नजरिया है।

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