फरीदाबाद। आत्मनिर्भर भारत प्रोजेक्ट एमएसएमई सेक्टर को प्रभावी व सुदृढ़ स्थिति में लाने में काफी महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है। इस प्रोजेक्ट में सरकार लोकल उत्पादन व मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया को बढ़ावा दे रही हैं, जोकि एमएसएमई सेक्टर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
Government and administration should make Ease of Doing Business better: Malhotra
Faridabad. The self-sufficient India project can prove to be very important in bringing the MSME sector into an effective and strong position. In this project, the government is promoting the local production and manufacturing process, which is an important part of the MSME sector. Speaking at the 9th DLF Business Summit, Principal of DLF Industries Association JP Malhotra said that if the Government of India, Haryana Government and District Administration pay attention to the MSME sector and make the Ease of Doing Business better, then self-reliant India’s MSME sector is set to get the most benefit.
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा ने यहां 9वीं डीएलएफ बिजनेस सम्मिट में यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि भारत सरकार, हरियाणा सरकार तथा जिला प्रशासन एमएसएमई सेक्टर की ओर ध्यान दें तथा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को और अधिक बेहतर बनाया जाए, तो आत्मनिर्भर भारत का सर्वाधिक लाभ एमएसएमई सेक्टर को मिलना तय है।
केंद्र सरकार तथा विभिन्न विभागों द्वारा घोषित की जाने वाली योजनाओं का जिक्र करते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा कि अधिकतर योजनाएं विभिन्न शर्तों पर आधारित रहती हैं, जिसका नुकसान यह होता है कि इन योजनाओं का लाभ संबंधित वर्ग विशेषकर एमएसएमई सेक्टर नहीं उठा पाता।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा किए गए सर्वे का जिक्र करते हुए मल्होत्रा ने बताया कि इस सर्वे में पाया गया कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस के मानकों को स्टेट फॉरवार्ड तथा विभिन्न शर्तों से मुक्त रख, लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए।
मल्होत्रा ने कहा कि वर्तमान परिवेश में आवश्यकता इस बात की है कि योजनाओं का सही क्रियान्वयन किया जाए तथा विभिन्न कार्यों में औपचारिकताओं से परे ऐसी नीति तैयार की जाए जिसमें कागजी प्रक्रिया न्यूनतम हो।
मल्होत्रा ने पावर कनेक्टेड लोड का उदाहरण देते हुए कहा कि लोड को बढ़ाने के लिए विभिन्न विभागों से एनओसी लेनी पड़ती है जोकि एमएसएमई सेक्टर के लिए एक भयानक सपने की तरह है।
मल्होत्रा ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि नियमों को सरलीकृत किया जाए तथा नियमों तथा कानून के प्रति जनता में विश्वास का माहौल बनाया जाए। आपने कहा कि जब कोई भी कानून एक विपदा बनती है तो लोग उससे बचने का प्रयास करते हैं और तभी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। आपने एक शहर से दूसरे शहर जाने वाले कार्गो के संबंध में नियमों को सरलीकृत करने, जीएसटी रिटर्न को उद्योग हित में बेहतरीन रूप देने तथा परस्पर विश्वास का माहौल बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
मल्होत्रा ने कहा कि उद्योग प्रबंधक समाज तथा कानून की पालना करने में विश्वास रखते हैं। आपने कहा कि नियमों को स्वीकृत करना तथा एमएसएमई सेक्टर को पोषण देने के लिए कई योजनाओं की वर्तमान समय में नितांत आवश्यकता है और यही आत्मनिर्भर भारत की ओर एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
उद्योग प्रबंधकों पर पड़ने वाले दबाव का जिक्र करते हुए मल्होत्रा ने कहा कि योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन तथा एमएसएमई सेक्टर को उनके ट्रैक के आधार पर वित्तीय सुविधाएं मुहैया करना काफी जरूरी है और इस संबंध में कदम उठाए जाने चाहिए।
एमएसएमई सेक्टर के लिए मजबूत वित्तीय प्रणाली, शर्तों को कम करना, योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन, समयबद्धता तथा इज ऑफ डूइंग के प्रति व्यापक कदमों की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा कि यह वास्तव में एमएसएमई सेक्टर के लिए काफी महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
मल्होत्रा ने बताया कि डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन शीघ्र ही 25 मुख्य क्षेत्रों में एक सर्वे कराएगी, जिसमें एमएसएमई सेक्टर से संबंधित सुझाव तथा योजनाओं के साथ-साथ इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाने पर कार्य किया जाएगा।