हरियाणाः फैक्ट्री मजदूरों की छंटनी के खिलाफ कांग्रेसी विधायकों ने किया पैदल मार्च

चंडीगढ़। हरियाणा में कोरोना महामारी की आड़ में श्रम कानूनों का उल्लंघन हो रहा है। मुनाफा कमाती रही कंपनियां अब महामारी की आड़ में हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। यह आरोप लगाते हुए हरियाणा के कांग्रेसी विधायकों ने यहां 30 जून की सुबह पैदल मार्च किया।

Haryana: Congress MLAs march against retrenchment of factory workers

पैदल मार्च करने वालों में फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा, गीता भुक्कल, शकुन्तला खटक, सुरेंद्र पंवार, वरुण चौधरी, अमित सिहाग आदि शामिल थे।

पत्रकारों से बात करते हुए नीरज शर्मा ने फरीदाबाद में बड़ी तादाद में हो रही कर्मचारियों की छंटनी को अनुचित बताते हुए कहा कि जेसीबी जैसी कंपनी लगातार मुनाफा कमाती रही है। अब श्रम कानूनों का खुलकर उल्लंघन कर रही है।

उन्होंने कहा कि नियम है कि 300 से ज्यादा कर्मचारी वाली कंपनी को कर्मचारियों के हटाने पर सरकार से अनुमति लेनी चाहिए, लेकिन जेसीबी ने उन कर्मचारियों को हटाने की बजाय लगभग 350 कर्मचारियों से इस्तीफे लिए हैं।

शर्मा ने कहा किऐसे दौर में जब लोगों की नौकरियां जा रही हैं और खाने के लाले पड़े हों, तो कैसे कोई व्यक्ति अपनी अच्छी भली नौकरी से स्वेच्छा से इस्तीफा दे सकता है, वह भी जेसीबी कंपनी में। कर्मचारियों पर पड़ने वाले दबाव की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

पिछले एक पखवाड़े से जेसीबी कंपनी के बाहर रामायण का पाठ कर रहे विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि जेसीबी कंपनी के साथ लगभग 3000 छोटी बड़ी कंपनियां जुड़ी हैं। जेसीबी के फरीदाबाद से पलायन के बाद इन कंपनियों पर भी संकट के बदल मंडरा रहे हैं।

शर्मा ने कहा कि फरीदाबाद में छोटी-बड़ी लगभग 18000 कंपनियां हैं जिनमें 6-7 लाख कर्मचारी काम करते हैं। कोरोना काल में इन सभी लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का बड़ा संकट पैदा हो गया है।

उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में भी छंटनी का दौर चल रहा है।

वीनस कंपनी के मामले को उठाते हुए श्री शर्मा ने कहा 62 कर्मचारियों की छंटनी कर दी गई, जिसमें से 23 कर्मचारी ऐसे हैं, जो पिछले कुछ सालों में इस कंपनी में काम करते हुए अपने हाथ, अंगुलियां आदि अंग गवां बैठे हैं। लेकिन कंपनी ने महामारी के दौर में इन कर्मचारियों से भी उनकी रोजी रोटी छीन ली है।

शर्मा ने कहा कि आपदा के समय में भी इन कर्मचारियों के प्रति कंपनी प्रबंधन ने मानवीय संवेदनाएं खत्म कर दी हैं।

झाड़सेंतली गांव के किसानों का उदाहरण देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि गांव की सैकड़ों एकड़ जमीन पर लगी जेसीबी कंपनी ने गांव के एक भी बच्चे को चपरासी की भी नौकरी नहीं दी।

शर्मा का कहना था कि बीजेपी सरकार इन छंटनियों पर मौन साधे हुए है।

शर्मा ने कहा कि फरीदाबाद के सांसद और भारत सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर खुद विकलांगों के महकमे को डील करते हैं। इसके बावजूद वीनस कंपनी के हाथ कटा बैठे 23 कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

शर्मा ने मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं के अनुरूप काम करने, इस मामले में दखल देने और जेसीबी व वीनस जैसी कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।

 

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