फरीदाबादः (राकेश चौरासिया)। केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर शीघ्र ही हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला की जगह ले सकते हैं। उच्च पदस्थ पार्टी सूत्रों से पता चला है कि गुर्जर के नाम की केवल घोषणा होनी बाकी है।
Haryana: Gujjar 2.0 fixed in BJP, announcement is pending
गुर्जर के नाम की चर्चा इतनी तेज है कि हरियाणा भाजपा को भी हस्तक्षेप करना पड़ा।
हालांकि हरियाणा भाजपा की ओर से इस बात का खंडन किया गया है।
हरियाणा भाजपा के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से स्पष्ट किया गया है कि हरियाणा प्रदेशा भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति की कोई सूचना हमारे पास नहीं हैं। कृपया अफवाहों से बचें।
उधर, भाजपा नेताओं ने गुर्जर को बधाईयां देनी शुरू कर दी हैं।
जब इस पत्रकार ने गुर्जर को बधाई देनी चाही, तो उन्होंने कहा कि पार्टी जो तय करेगी, उसका स्वागत होगा। हालांकि अभी ऐसी कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
गुर्जर नॉन जाट फेस के अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विश्वसनीय भी हैं।
सीएम मनोहर की बस इतनी हिचक भी है कि गुर्जर बहुत हैवीवेट हैं।
गुर्जर पीएम नरेंद्र मोदी और अन्य केंद्रीय नेताओं से बेहतर संबंध रखते हैं।
मनोहर लाल खट्टर ने गुर्जर के नाम पर सहमति भी जता दी है।
इससे पहले गुर्जर वर्ष 2009 से 2013 के बीच भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं।
यह है चौपड़ की बिसात
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़, कमल गुप्ता, महिपाल ढांढा, नायब सैनी, विपुल गोयल और पार्टी महासचिव संदीप जोशी का नाम लिया जा रहा था।
कैप्टन अभिमन्यु के लिए गृह मंत्री अमित शाह, जबकि धनखड़ और जोशी के हक में अध्यक्ष जेपी नड्डा बताए जा रहे हैं, लेकिन मनोहर लाल सर्वानुमति के नाम पर गुर्जर के नाम को आगे बढ़ा दिया है।
महिपाल ढांढा, कमल गुप्ता, नायब सैनी और संदीप जोशी भी सीएम मनोहर की पसंद के हैं।
किंतु कैप्टन अभिमन्यु सभी दावेदारों पर भारी पड़ रहे हैं।
किंतु कैप्टन की राह में सीएम समर्थक गुट अड़ गया है।
तो सीएम विरोधी खेमा भी अब कैप्टन के नाम पर एकजुट हो चुका है। इसलिए सर्वानुमति के नाम पर गुर्जर की लाटरी लगना तय माना जा रहा है।
इसलिए सीएम खेमे ने गुर्जर का नाम आगे कर दिया है।
सीएम मनोहर ने अब दबाव बनाने के लिए 1 जुलाई को भाजपा विधायक दल की बैठक भी बुला ली है।
हालांकि गुर्जर केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ना नहीं चाहते हैं, लेकिन हरियाणा में राजनीतिक संभावनाओं के मद्देनजर अब वे मंत्री पद भी छोड़ सकते हैं।
कौन हैं गुर्जर
गुर्जर फरीदाबाद जिले के मेवला महाराजपुर के मूल निवासी हैं।
वे नेहरू कॉलेज की छात्र राजनीति में सक्रिय रहे।
उन्होंने 1986 में युवा लोकदल से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और वे जिला युवा लोकदल के महासचिव तक पहुंचे।
गुर्जर 1992 के दौरान संघ और भाजपा में दीक्षित हुए।
वे हरियाणा के पहले नगर निगम के 1994 के चुनाव में पार्षद बने।
मेवला सीट से 1996 में वे भाजपा की टिकट पर पहली बार विधायक बने।
हविपा-भाजपा सरकार में वे परिवहन मंत्री रहे।
2009 में तिगांव से विधायक और 2014 में फरीदाबाद से सांसद बने।
2019 में 6.38 लाख मतांतर से सांसद बनने के बाद वे वर्तमान केंद्रीय राज्य मंत्री भी बने।