चंडीगढ़। कोरोना काल में करीब छह माह से बंद पढ़ाई को फिर से शुरू करने के लिए शिक्षा विभाग हरियाणा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। खास बात यह है कि अब गांव ही तय करेंगे कि स्कूल में पढ़ाई शुरू कराई जाए या नहीं। शिक्षा निदेशालय की ओर से अब सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा गया है।
Haryana: Now parental consent will be taken to open school
Chandigarh. Education Department Haryana has started preparations to resume the studies which have been closed for about six months in the Corona period. The special thing is that now the villages will decide whether to start school or not. A letter has now been sent to all District Education Officers from the Directorate of Education. It has been said through the letter that the School Management Committee will organize meetings at its own place. These will ask parents in writing whether they are in favor of sending the school to open.
पत्र के जरिए कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन समिति अपने यहां बैठकों का आयोजन करेंगी। इनमें अभिभावकों से लिखित में राय लेगी कि क्या वे स्कूल खोलने के लिए स्कूल भेजने के पक्ष में हैं।
यदि 60 फीसदी अभिभावक स्कूल खोलने को लेकर हां करेंगे, तो यह पूरा ब्यौरा एसएमसी यानी स्कूल प्रबंधन समिति के रिकार्ड में दर्ज करना होगा।
अभिभावकों की इस राय को समिति रेजुलेशन पास कर अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में सरकार के पास भेजेगी कि उनके स्कूल में पढ़ाई शुरू कर दी जाए।
संभावना जताई जा रही है कि अक्टूबर में प्रदेश में पहले 9वीं से 12वीं कक्षा तक के 3500 स्कूलों में पढ़ाई शुरू कराई जाएगी।
शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने बताया कि पहले नौंवी से 12वीं कक्षा तक स्कूल खोले जाएंगे। इसके बाद ही अन्य कक्षाओं में पढ़ाई शुरू होगी। केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा।
अक्टूबर में सरकार को देंगे रिपोर्ट
समिति को सितंबर में बैठक कर यह राय लेनी है कि स्कूल को खोला जाए या नहीं। समिति अपना रेजुलेशन पास कर सरकार के पास अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में भेजेगी कि उनके यहां के स्कूल को खोल दिया जाए। यानी उसी गांव का स्कूल पढ़ाई के लिए खोला जाएगा, जिस गांव में 60 फीसदी अभिभावक स्कूल खोलने के पक्ष में होंगे।
प्रदेश में करीब 3500 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। चूंकि इनमें बोर्ड की कक्षा भी हैं, इस कारण पढ़ाई भी जरूरी है, लेकिन इसके लिए अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी। यही नहीं इस सहमति को भी एसएमसी को अपने रिकार्ड में दर्ज करना होगा।
परामर्श के लिए आएंगे, तो भी अनुमति
यदि विद्यार्थी अपने स्कूलों में टीचर्स से परामर्श या मार्गदर्शन के लिए आएंगे तो इसके लिए उनके अभिभावकों की ओर से अनुमति देनी जरूरी होगी। कंटेनमेंट जोन के बाहर के स्कूलों में ही विद्यार्थी परामर्श के लिए टीचर के पास स्कूलों में आ सकेंगे। 21 सितंबर से नौंवी व 12वीं कक्षा के विद्यार्थी ही परामर्श के लिए स्कूलों में जा सकेंगे, लेकिन नियमों का पालन करना होगा।
सभी स्कूलों को भेजे जाएंगे वीडियो
दोनों ही स्कूलों से विद्यार्थियों, अभिभावकों व टीचर्स के शूट किए गए वीडियो को सभी स्कूलों के विद्यार्थियों के पास भेजा जाएगा। वीडियो भेजने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इसे अभिभावक व विद्यार्थी आसानी से समझ लेते हैं और जब स्कूल आएंगे, तो इन्हीं नियमों का पालन करना होगा।
प्रदेश के 981 प्राथमिक स्कूल हुए बैग फ्री
प्रदेश सरकार ने 981 राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों (बैग फ्री स्कूल) की सूची जारी कर दी है। हरियाणा में 1 हजार नए राजकीय मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल खोले जाने हैं। गुड़गांव में सबसे ज्यादा 93 मॉडल संस्कृति प्राथमिक स्कूल मिले हैं, जबकि सिरसा में 87, फरीदाबाद में 85 और हिसार में ऐसे 84 स्कूल खुलेंगे।