चंडीगढ़। हरियाणा में कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सरकार ने ‘किसान रजिस्ट्री’ (AgriStack) परियोजना को नई गति दी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के प्रत्येक किसान को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करना और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उन तक पहुँचाना है।
हरियाणा सरकार ने कृषि और राजस्व विभाग के माध्यम से राज्य के किसानों के लिए एक व्यापक डिजिटल इकोसिस्टम तैयार करने का निर्णय लिया है। इसके तहत AgriStack और Digital Crop Survey (DCS) जैसी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।
1.38 करोड़ किसानों का पंजीकरण और लक्ष्य
* व्यापक डेटाबेस: हरियाणा में लगभग 1.38 करोड़ किसानों का पंजीकरण Kisan Registry के तहत किया जाना है। यह एक विशाल डेटाबेस होगा जो किसानों की भूमि और उनकी फसलों की सटीक जानकारी रखेगा।
* आधार प्रमाणीकरण: सुरक्षा और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए यह पूरी प्रक्रिया OTP-based Aadhaar Authentication के माध्यम से पूरी की जाएगी। इससे फर्जी पंजीकरण की संभावना शून्य हो जाएगी।
* फार्म आईडी का निर्माण: प्रत्येक पंजीकृत किसान के लिए एक विशिष्ट Farm ID बनाई जाएगी। यह आईडी भविष्य में किसान की पहचान के रूप में कार्य करेगी, जिससे उन्हें बार-बार दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
प्रमुख जिलों से शुरुआत
* पायलट प्रोजेक्ट और विस्तार: इस पंजीकरण प्रक्रिया का औपचारिक आगाज़ तीन प्रमुख जिलों— Ambala, Panchkula, और Faridabad से किया गया है। इन जिलों में कल से पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
* डेडलाइन: राजस्व विभाग की वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि Kisan Registry और Digital Crop Survey दोनों कार्यों को February 2026 तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए।
* वर्तमान प्रगति: अब तक राज्य में लगभग 46,000 Paperless Registrations सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं, जो इस मुहिम की शुरुआती सफलता को दर्शाते हैं।
प्रशासनिक निर्देश और जमीनी क्रियान्वयन
* गांव स्तर पर शिविर: क्रियान्वयन की गति तेज करने के लिए सभी Deputy Commissioners (DCs) को निर्देश दिए गए हैं कि वे गांव स्तर पर विशेष Camps आयोजित करें।
* विभागीय समन्वय: इस परियोजना की सफलता के लिए Revenue Department और Agriculture Department के बीच आपसी समन्वय को अनिवार्य बताया गया है।
* जनसंपर्क अभियान: ग्रामीण क्षेत्रों में Public Relations और जागरूकता अभियानों पर जोर दिया गया है ताकि अधिक से अधिक किसान इस प्रक्रिया में भाग लें और अपनी Farmer ID बनवाएं।
किसान रजिस्ट्री के लाभ और भविष्य की योजनाएं
* योजनाओं से जुड़ाव: इस रजिस्ट्री को सीधे PM-Kisan Scheme और अन्य राज्य स्तरीय लाभार्थी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इससे सब्सिडी और वित्तीय सहायता सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर करना आसान होगा।
* पारदर्शिता और सटीकता: डिजिटल माध्यम से डेटा एकत्र होने के कारण Transparency और Accuracy सुनिश्चित होगी। इससे फसल बीमा और आपदा राहत वितरण में भी आसानी होगी।
* परिवर्तनकारी कदम: सरकार का मानना है कि यह पहल किसानों के लिए Transformative साबित होगी, क्योंकि इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और लक्षित आपूर्ति (Targeted Delivery) संभव हो सकेगी।
डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) की भूमिका
* सटीक फसल डेटा: Digital Crop Survey के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि किस क्षेत्र में कौन सी फसल बोई गई है। यह डेटा कृषि नीति निर्धारण में मील का पत्थर साबित होगा।
* तकनीकी उपयोग: इस सर्वेक्षण में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है ताकि Real-time Data प्राप्त किया जा सके।
सुदृढ़ कृषि भविष्य की नींव
हरियाणा सरकार की यह डिजिटल पहल न केवल प्रशासनिक कामकाज को आसान बनाएगी, बल्कि किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त भी करेगी।
February 2026 तक इस लक्ष्य को प्राप्त करना राज्य के कृषि परिदृश्य को पूरी तरह से बदल देगा, जिससे किसान सीधे तौर पर डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनेंगे।
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