आगरा। ताज नगरी आगरा में बुधवार को फाइनेंस कम्पनी के कर्मचारियों ने सवारियों से भरी एक बस को हाईजैक कर लिया। बस हाईजैक की सूचना पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक गुरुग्राम से मध्य प्रदेश जा रही एक प्राइवेट बस को हाईजैक किया गया है। ड्राइवर और कंडक्टर को उतारकर बस को अज्ञात जगह ले गए हैं। बस में कुल 34 यात्री सवार हैं।
Hijacked bus with 34 passengers in UP
Agra. Finance company employees hijacked a bus full of passengers in Taj Nagar Agra on Wednesday. On the information of bus hijack, there has been a stir in the police department. According to the information available, a private bus going from Gurugram to Madhya Pradesh has been hijacked. Unloading the driver and conductor has taken the bus to an unknown place. There are a total of 34 passengers on the bus.
घटना बुधवार तड़के की है। थाना मलपुरा इलाके में प्राइवेट बस को हाईजैक कर लिया। बताया जा रहा है कि बस में 34 यात्री सवार हैं।
ड्राइवर और कंडक्टर की सूचना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
मौके पर तमाम आला अधिकारी मौजूद हैं। हालांकि बस की कोई सूचना नहीं मिल पाई है।
लोकेशन की जानकारी नहीं
यात्रियों से भरी बस को अगवा करने के मामले में प्राइवेट बस के ड्राइवर और पुलिस श्रीराम फाइनेंस का नाम ले रहे हैं।
इन दोनों का कहना है कि इसी फाइनेंस कंपनी के लोग जायलो एसयूवी से आए और बस ले गए।
जानकारी के मुताबिक, बस को हाईजैक करने वालों ने ड्राइवर और कंडक्टर को ढाबे पर खान खिलाया और 300 रुपये भी दिए।
हालांकि, बस के लोकेशन के बारे में किसी को जानकारी नहीं है।
फाइनेंस कंपनी ने किया हाईजैक
खबर सामने आने के बाद चौकस हुई पुलिस का बयान सामने आया कि बस मालिक ने किश्त नहीं चुकाया था, जिसके कारण फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी ड्राइवर और कंडक्टर को उतारकर सवारियों से भरी बस को लेकर चले गए।
पुलिस के मुताबिक ड्राइवर और कंडक्टर ने बताया है कि चार लोग थे जो खुद को फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बता रहे थे। हालांकि, पुलिस पुख्ता तौर पर ये नहीं बता पाई है कि जो लोग बस को ले गए वे बदमाश हैं या फिर फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी।
बड़ा सवाल
अगवा बस को लेकर फिलहाल पुलिस के पास कोई सूचना नहीं है।
वह ड्राइवर और कंडक्टर के बयान पर कार्रवाई कर रही है।
मध्य प्रदेश पुलिस से भी संपर्क किया गया है।
हालांकि, इस सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर हाईजैक करने वाले फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी ही हैं, तो
यह अधिकार उन्हें किसने दिया कि यात्रियों से भरी बस को इस तरह से अपने साथ लेकर जाया जाए।
अभी तक मामले में बस मालिक से भी बातचीत नहीं हो पाई है