चंडीगढ़। उप मुख्य मंत्री एवं राजस्व मंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा में जमीनों की उन रजिस्ट्रियों को रद्द किया जाएगा, जो लॉकडाउन के दौरान हुई हैं और जांच में अनियमित पाई जाएंगी।
Irregular registrations in lockdown will be canceled: Dushyant Chautala
Chandigarh Deputy Chief Minister and Revenue Minister Dushyant Chautala said that the registries in Haryana which were held during the lockdown would be canceled and found to be irregular in the investigation. Sources say that like the liquor scam in lockdown, land registries have also been extensively scammed. While the government and the public were busy battling Corona, the tehsildars and dealers were also doing registries that may not be there.
सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन में शराब घोटाले की तरह जमीनों की रजिस्ट्रियों का भी बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है।
जब सरकार और जनता कोरोना से जूझने में व्यस्त थी, तब तहसीलदार और डीलर मिलकर ऐसी रजिस्ट्रियां भी कर रहे थे, जो नहीं हो सकती हैं।
सरकार को जब बड़े पैमान पर रजिस्ट्री होने की शिकायत मिलीं, तो राजस्व सचिव विजय वर्द्धन ने रजिस्ट्रियों पर रोक के आदेश जारी कर दिए हैं।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट में इस तरह संशोधन किया जाएगा कि अवैध डीलर कृषि भूमि पर कॉलोनियां न काट सकें।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जमीनों की रजिस्ट्री व इंतकाल के रिकार्ड की जानकारी आमजन तक पहुंचाने के लिए राजस्व विभाग अपनी वैबसाइट पर ई-जमाबंदी तथा नमूने के तौर पर रजिस्ट्री-डीड की एक कॉपी अपलोड करेगा, ताकि खरीददार व विक्रेता जमीन का सौदा करने से पहले इसका अच्छी तरह अध्ययन कर लें। इससे दलालों से भी छुटकारा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि तहसीलों में मानव हस्तक्षेप कम से कम हो, इस दिशा में राज्य सरकार ई-रजिस्ट्री के बाद केंद्रीयकृत रजिस्ट्री की अवधारणा को शुरू करने जा रही है। इससे कोई भी व्यक्ति अपने दस्तावेज जमा करने के बाद प्रदेश में किसी भी तहसील से रजिस्ट्री करवा सकेगा।
उप मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता में बताया कि हाल ही में सरकार का रजिस्ट्रियां बंद करने का निर्णय भी इसी के मद्देनजर लिया गया है।
डीसी को जांच के आदेश
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौरान शहरों में नगर निगम सीमा के भीतर स्थित भूमि, जोकि हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन अधिनियम, 1975 के तहत घोषित नियंत्रित क्षेत्र, में की गई रजिस्ट्रियों की जांच के आदेश उपायुक्तों को दिए गए हैं और 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। अब सरकार ने निर्णय लिया है कि उक्त क्षेत्र में रजिस्ट्रियां 22 जुलाई से 5 अगस्त, 2020 तक नहीं की जाएंगी।
वैधता 30 दिन बढ़ी
उन्होंने बताया कि जहां जमाबंदी वर्तमान में ऑफलाइन हैं और वेब-हैलरिस पर उपलब्ध नहीं हैं, वहां पर रजिस्ट्रियां 22 जुलाई से 15 अगस्त, 2020 तक प्रतिबंधित रहेंगी। इसके अलावा, जिन मामलों में ई-स्टैंप जारी किए जा चुके हैं और रजिस्ट्री करवाने का समय उक्त अवधि में
आवंटित किया जा चुका ह,ै उन मामलों में ऐसे चालानों की वैधता 30 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उपरोक्त से संबंधित सभी ई-अपॉइंटमेंट तुरंत प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं और इस संबंध में नई तारीखें प्राथमिकता के आधार पर दी जाएंगी।
उन्होंने बताया कि नई केंद्रीयकृत रजिस्ट्री प्रणाली के तहत रजिस्ट्रियों की जानकारी ई-मेल के माध्यम से भी संबंधित व्यक्ति को दी जाएगी। इसके अलावा, पासपोर्ट की तरह रजिस्टर्ड डाक द्वारा खरीददार के घर पर रजिस्ट्री पहुंच जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जहां-जहां रजिस्ट्रियों से संबंधित समस्याएं आने की शिकायत मिली है, उसी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।