जानें, कौन है वो बड़भागी जो बनेगा राम मंदिर के भूमि पूजन का मुख्य यजमान

नई दिल्ली। भूमि पूजन कार्यक्रम के मंच पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ नृत्य गोपाल दास, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत रहेंगे। साथ ही मंच पर यजमान सलिल सिंघल होंगे।

नई दिल्ली। भूमि पूजन कार्यक्रम के मंच पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ नृत्य गोपाल दास, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत रहेंगे। साथ ही मंच पर यजमान सलिल सिंघल होंगे।

Know who is Mukhya Yajman of Bhumi Pujan of Shri Ram temple

अयोध्या के बारे में आज तक की एक रिपोर्ट के अनुसार राम मंदिर निर्माण को लेकर भूमि पूजन के लिए सोमवार से ही तीन दिन का अनुष्ठान शुरू हो गया है। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे। अयोध्या में श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई संत अयोध्या पहुंच चुके हैं।

चंपत राय ने बताया कि कार्यक्रम के मंच पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ नृत्य गोपाल दास, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत रहेंगे।

इसके अलावा मंच पर यजमान सलिल सिंघल होंगे। सलिल सिंघल अशोक सिंघल के बड़े भाई के पुत्र हैं। सलिल मंगलवार को अयोध्या पहुंच जाएंगे।

बता दें कि सलिल सिंघल अशोक सिंघल के बड़े भाई के बेटे हैं।

विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल उन नेताओं में शामिल रहे हैं जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन को धार दी।
अशोक सिंघल 1980 में विश्व हिंदू परिषद में शामिल हुए थे। 1984 के बाद वह वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष चुने गए।

अशोक सिंघल दिसंबर 2011 तक इस पद पर रहे। नवंबर 2015 में उनका निधन हो गया।

बहरहाल, राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम में अशोक सिंघल के बड़े भाई के बेटे सलिल सिंघल यजमान होंगे, जो पीएम मोदी के साथ मंच पर भी उपस्थित होंगे।

चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम सुबह 8 से दोपहर बाद 2 बजे तक चलेगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में चंपत राय ने बताया कि रामंदिर निर्माण कार्यक्रम में कुल 175 महानुभावों को आमंत्रित किया गया है।
चंपत राय ने बताया कि देश के लगभग 2000 पावन तीर्थस्थलों की पवित्र मिट्टी और लगभग 100 पवित्र नदियों का पावन जल अयोध्या पहुंचा है।

इसके अतिरिक्त देश भर से पूज्य शंकराचार्यों और संतों ने अपने प्रेम और श्रद्धा स्वरूप विभिन्न भेंट भेजी हैं।

उन्होंने कहा कि हम सभी रामभक्तों से आह्वान करते हैं कि इस अवसर पर जैसा दिव्य वातावरण अयोध्या में दिख रहा है, वैसा ही देश के सभी नगरों और ग्रामों में दिखना चाहिए।

 

Related posts