चीनी एप बंद करने के बाद मोदी लाए एप इनोवेशन चैलेंज

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तकनीक क्षेत्र से जुड़े लोगों से आत्मनिर्भर भारत ऐप इनोवेशन चौलेंज में भाग लेने का आह्वान किया है।

Modi brings app innovation challenge after closing the Chinese app

लिंक्डइन पर प्रकाशित एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने भारत में एक जीवंत और स्टार्टअप इकोसिस्टम होने का उल्लेख किया, साथ ही बताया कि कैसे युवाओं ने विविध क्षेत्रों में तकनीक समाधान उपलब्ध कराने में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

उन्होंने कहा कि स्टार्टअप और तकनीक इकोसिस्टम में घरेलू स्तर पर ऐप के लिए नवाचार, विकास और प्रोत्साहन देने के लिए खासा उत्साह है।

उन्होंने कहा कि देश जहां आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है, वहीं यह ऐप्स के विकास को नई दिशा एवं गति देने का एक अच्छा अवसर है जो हमारे बाजार को संतुष्ट कर सकें और साथ ही दुनिया में प्रतिस्पर्धा दे सकें।

इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अटल नवाचार मिशन के साथ मिलकर आत्मनिर्भर भारत ऐप इनोवेशन चौलेंज पेश किया है, जो दो दिशाओं में चलेगा रू मौजूदा ऐप्स को प्रोत्साहन और नए ऐप्स का विकास। इस चौलेंज में समग्रता लाने के उद्देश्य से इसका आयोजन सरकार और तकनीक समुदाय द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।

ई-लर्निंग, वर्क फ्रॉम होम, गेमिंग, कारोबार, मनोरंजन, कार्यालय सेवाओं और सोशल नेटवर्किंग की श्रेणियों में मौजूद ऐप्स और प्लेटफॉर्म्स को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार सलाह, मार्गदर्शन और समर्थन उपलब्ध कराएगी।

ट्रैक-01 लीडर-बोर्ड के लिए अच्छे गुणवत्ता वाले ऐप्स की पहचान की दिशा में एक मिशन की तरह काम करेगा और इसे लगभग एक महीने में पूरा कर लिया जाएगा।

नए ऐप्स और प्लेटफॉर्म्स विकसित करने के लिए, ट्रैक-02 पहल विचार, विकसित करने, प्रोटोटाइप (नमूने तैयार करना) में समर्थन और बाजार तक पहुंच उपलब्ध कराकर भारत में नए चौंपियंस तैयार करने में सहायता देगा।

प्रधानमंत्री ने लिखा कि इस चौलेंज के बाद मौजूदा ऐप्स को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए ज्यादा दृश्यता और स्पष्टता मिलेगी। इससे पूरे जीवन चक्र के दौरान परामर्श, तकनीक समर्थन और मार्गदर्शन के रूप में सहायता से तकनीक से जुड़ी पहेलियों के समाधान उपलब्ध कराने वाले तकनीक उत्पाद विकसित किए जा सकेंगे।

प्रधानमंत्री ने अपने विचार साझा किए और पूछा कि क्या तकनीक पारंपरिक भारतीय खेलों को ज्यादा लोकप्रिय बनाने में सहायता कर सकती है, क्या पुनर्वास और परामर्श हासिल करने में लोगों को सहायता करने वाले ऐप्स विकसित हो सकते हैं या क्या लर्निंग, गेमिंग आदि के लिए सही आयु वर्ग पर लक्षित और बेहतर पहुंच वाले ऐप्स विकसित किए जा सकते हैं। उन्होंने तकनीक क्षेत्र से जुड़े लोगों से आत्मनिर्भर ऐप इकोसिस्टम के निर्माण में भाग लेने और सहायक बनने का आह्वान किया है।

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