हैदराबाद। अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित उपस्थिति का एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध किया है और कहा है कि ऐसा करना प्रधानमंत्री द्वारा ली गई संवैधानिक शपथ का उल्लंघन करने जैसा होगा। वहीं, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने लोगों से पांच अगस्त के दिन उत्सव मनाने का आह्वान किया है।
Modi’s participation in Bhumi Pujan of Ram temple is unconstitutional: Owaisi
Hyderabad AIMIM chief Asaduddin Owaisi has opposed the possible presence of Prime Minister Narendra Modi at the Bhoomi Poojan ceremony of Ram temple in Ayodhya on August 5, saying that doing so would be in violation of the constitutional oath taken by the Prime Minister. At the same time, the Vishwa Hindu Parishad (VHP) has called upon people to celebrate the festival on August 5.
ओवैसी ने ट्वीट किया कि आधिकारिक पद पर रहते हुए भूमि पूजन में शामिल होना प्रधानमंत्री की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा। धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल अवसंरचना का हिस्सा है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों के अनुसार राम मंदिर निर्माण की शुरुआत के उपलक्ष्य में पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन समारोह में मोदी के शामिल होने की संभावना है।
वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें भूमि पूजन समारोह में आमंत्रित किया गया है।
ओवैसी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हम नहीं भूल सकते कि अयोध्या में 400 साल से अधिक समय तक बाबरी मस्जिद खड़ी रही और इसे 1992 में आपराधिक भीड़ ने तोड़ दिया।
वहीं, विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र कुमार जैन ने अपने फेसबुक लाइव संबोधन में कहा कि हिन्दू समाज का 500 साल से चला आ रहा संघर्ष जल्द ही सार्थक होगा।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए लाखों लोगों ने अपना बलिदान कर दिया। समूचा देश राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। पांच अगस्त को भूमि पूजन होगा। प्रधानमंत्री भूमि पूजन में शामिल होंगे।
जैन ने लोगों से अपील की कि वे पांच अगस्त को सुबह साढ़े दस बजे अयोध्या की तरफ मुंह करके खड़े हों और मन में मंदिर निर्माण के संकल्प के साथ राम नाम का सुमिरन करें तथा आरती करें।