चंडीगढ़। तंबाकू और हुक्के के चलते युवाओं का जीवन बर्बाद होने की दलील देते हुए इस पर हरियाणा में पूरी तरह से पाबंदी लगाने की अपील से जुड़ी याचिका पर हरियाणा सरकार ने बताया कि कोरोना के चलते प्रदेश में हुक्का पर पूर्ण प्रतिबंध है। यदि इस बारे में कोई शिकायत आएगी तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
Order: Don’t make hookah in Haryana
Chandigarh. On the plea seeking a complete ban in Haryana, claiming that the lives of youngsters were destroyed due to tobacco and hookah, the Haryana government said that there is a complete ban on hookah in the state due to Corona. If any complaint is received then action will be taken.
प्रदेश में होटल, रेस्टोरेंट्स, कैफे आदि की आड़ में धड़ल्ले से चल रहे सभी प्रकार के हुक्का बार्स पर अब हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता दीपांशु बंसल द्वारा जनहित याचिका दायर करने के साथ ही पूर्णतः बैन लग चुका है और कही कोई हुक्का बार खुला पाया जाता है, तो कानून के तहत उसे तुरन्त बन्द करने के लिए राज्य सरकार व प्रशासन को आवश्यक कदम उठाकर बन्द करवाकर कार्यवाही करनी होगी।
काफी समय से संघर्षरत याचिकाकर्ता दीपांशु बंसल, विभिन्न अफसरों से लेकर मुख्यमंत्री तक को ज्ञापन व कानूनी नोटिस देकर इस मांग को काफी समय से उठा रहे है परन्तु कोई कार्यवाही न होने के बाद हाईकोर्ट की शरण ली। आरटीआई के माध्यम से भी हुक्का बार्स पर लगाम लगाने को लेकर सूचना मांगी परन्तु कोई भी सूचना नही मिली।
कोरोना महामारी के चलते संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है वही काफी संख्या में हुक्का बार्स चल रहे है, जहां नाबालिगों समेत युवाओ को नशों के जाल में फंसाया जाता है।
दीपांशु बंसल व विजय बंसल ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की शरण अधिवक्ता अमित झांजी व शशांक शेखर शर्मा के माध्यम से ली जिसमे मुख्य न्यायधीश ने जनहित याचिका नंबर 122-2020 के अंतर्गत मामले की सुनवाई की जिस दौरान याची ने हुक्का बार्स पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाकर उल्लंघनकर्ताओं पर ठोस कार्यवाही की मांग की जिसपर हरियाणा सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में कहा कि एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897, कोविड रेगुलेशंस 2020 व कोटपा 2003 के अंतर्गत राज्य सरकार ने हुक्का बार्स पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इन आदेशों को शून्य सहनशक्ति से लागू करने के लिए कहा गया है।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि यदि कही हुक्का बार्स चल रहे हो तो याचिकाकर्ता दीपांशु बंसल लोकल अथार्टी के संज्ञान में मामले को लेकर आए जिससे उन्हें बन्द किया जा सके।
इसके साथ ही यह भी आदेश जारी किए गए है कि यदि कही भी कोई हुक्का बार्स चलता पाए जाए तो राज्य सरकार का प्रशासन कानून के तहत आवश्यक कदम उठाए।
दीपांशु बंसल का कहना है कि हुक्का बार्स में अवैध रूप से नाबालिगों, युवाओं, छात्रों व प्रदेशवासियों को हुक्के का सेवन फ्लेवर्ड हुक्का के माध्यम से करवाया जाता है जिनमे भारी मात्रा के निकोटिन के साथ सरेआम प्रतिबंधित नशा बेचा जाता है।
युवाओ को नशे के जाल में फंसने से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया और उन्हें खुशी है कि उनकी मांग को कोर्ट के माध्यम से अब बेहतरीन रूप से लागू किया जाएगा जिससे युवा वर्ग बचेगा।