पाक-चीन नींद उड़ाने वाला है राफेल, 29 जुलाई को होगी डिलीवरी

नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान की नींद हराम करने के लिए राफेल रणनीतिक हथियार साबित होगा। फ्रांस 5 राफेल फाइटर 29 जुलाई को सौंप देगा। इनकी तैनाती अंबाला एयरबेस पर की जाएगी।

Rafael is going to blow Pak-China sleep, will deliver on July 29

राफेल के आने की खबर भर से चीन और पाक के हौसल पस्त हो गए हैं।

राफेल की तैनात के बाद भारतीय वायुसेना चीन और पाक पर रणनीतिक बढ़त हासिल कर लेगी।

राफेल इतना दमदार है कि वह चीन के अत्याधुनिक जे-20 फाइटर को भी शिकस्त देने में इक्कीस साबित होगा।

किसी भिड़ंत की सूरत में राफेल और भारत के कुशल एवं दक्ष पायलट चीन की नाक में दम कर देंगे।

ये विध्वंसक विमान कुछ ही मिनटों में लद्दाख पहुंच सकते हैं।

चीन ने राफेल की आपूर्ति में देरी के लिए कूटनीतिक प्रयास किए थे, लेकिन कोरोना के बावजूद फ्रांस ने न केवल राफेल देने में प्रतिबद्धता जताई, बल्कि वह तय समय पर आपूर्ति भी कर रहा है।

भारत के शीर्ष कमांडर बुधवार से एक बैठक करेंगे और इसमें राफेल की तैनाती और उससे जुड़ी रणनीति तय करेंगे।

होगा समारोह

29 जुलाई को वायुसेना में शामिल किए जाने के बाद राफेल विमान को 20 अगस्त को एक समारोह में राफेल को वायुसेना में अंतिम रूप से शामिल किया जाएगा।

पायलट को मिली है खास ट्रंनिंग

इंडियन एयर फोर्स ने कहा है कि भारतीय वायुसेना के ऑफिसर्स ने राफेल की तकनीकी पेचीदगियों को समझने के लिए इसकी व्यापक ट्रेनिंग ली है।

एयरफोर्स के अधिकारियों ने इस फाइटर विमान की उच्च मारक क्षमता का गहराई से अध्ययन किया है और अब वे इस पर काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

वायुसेना के मुताबिक राफेल के आते ही कोशिश की जाएगी कि विमान को जल्द से जल्द ऑपरेशन लेवल तक ले लाया जाए, यानि कि इस विमान का अलग-अलग उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाए।

कुल 36 राफेल मिलेंगे

भारत को फ्रांस से अगले दो सालों में दो स्क्वाड्रन में 36 राफेल विमान मिलने हैं. एयरफोर्स सूत्रों के मुताबिक पहला स्क्वाड्रन अंबाला बेस से पश्चिमी कमान के लिए काम करेगा तो दूसरे स्क्वाड्रन की तैनाती पश्चिम बंगाल के हाशीमारा एयर फोर्स स्टेशन में की जाएगी, ताकि पूर्वी छोर पर चीन के किसी भी खतरे से निपटा जा सके।

मेट्योर और स्कैल्प मिसाइल

राफेल लड़ाकू विमान पोटेंट मेट्योर और स्कैल्प मिसाइल प्रणाली से लैस है। ये भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में व्यापक इजाफा करेंगे।
मेट्योर सिस्टम दुश्मन को हवा से हवा में ही मार गिराने की तकनीक है, जबकि स्कैल्प लंबी दूरी का क्रूज मिसाइल है। इसे इस विमान से ही लॉन्च किया जा सकता है। ये मिसाइल दुश्मन के स्थिर और गतिशील लक्ष्यों को अंदर तक जाकर भेद सकता है।

राफेल लड़ाकू विमान में भारत की जरूरतों के मुताबिक कई और बदलाव और संवर्धन किए गए हैं। इन खासियतों पर एयर फोर्स के ऑफिसरों को विशेष रूप से ट्रेनिंग दी गई है। उन्हें न सिर्फ इसकी ऑपरेशनल जानकारी दी गई है, बल्कि रख-रखाव और मरम्मत के बारे में भी बताया गया हैं।

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