नई दिल्ली. महीनों के लॉकडाउन (Lockdown in India) के बाद लोगों में खरीदारी का रवैया (Spending Behavior) भी बदला है. खर्च करने के रवैये से पता चलता है कि भारतीय लोग अपने और करीबीयों को सुरक्षित रखने के लिए कितने चिंतित हैं. आम लोगों के खर्च करने के इन तरीकों से कुछ कंपनियों को फायदा भी हो रहा है. हाल ही के दिनों में बाजार में कुछ ऐसी वस्तुओं की मांग में इजाफा हुआ है, जिससे पता चलता है कि उनके खरीदारी के व्यवहार में कितना बड़ा बदलाव आया है.
Shopping habit of Indians changed in Corona era, know what people are buying most
ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी भी दी है. आइए जानते हैं आखिर वो कौन से प्रोडक्ट्स हैं, जिनकी मांग भारतीय बाजार में बढ़ी है और लोगों के खरीदारी के रवैये में क्या बदलाव आया है.
च्यवनप्राश की बिक्री में भारी इजाफा
दुनियाभर में लोग मौजूदा महामारी (COVID-19 Pandemic) को देखते हुए अपने सेहत को बेहतर करने और अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) बढ़ाने पर सबसे ज्यादा खर्च कर रहे हैं. आमतौर पर भारत में इसका मतलब आयुर्वेद को ही समझा जाता है. डाबर इंडिया (Dabur India) और द हिमालयन ड्रग (The Himalayan Drug) जैसी कंपिनयों के उत्पादों की मांग में भारी इजाफा हुआ है. ये कंपनियों च्यवनप्राश, सेप्टीलिन, गिलोय जैसे बने अन्य उत्पादों की बिक्री कर रही हैं. इस इंडस्ट्री में जून के दौरान च्यवनप्राश की सेल्स में 283 फीसदी तक इजाफा हुआ है. नील्सन होल्डिंग्स पीएलसी डाबर के अनुसार शहद की मांग में भी इजाफा हुआ है. इस कंपनी ने कहा कि अप्रैल से जून के बीच उसके च्यवनप्राश की बिक्री में करीब 700 फीसदी का इजाफा हुआ है. आने वाले कुछ महीनों में भी इन वस्तुओं पर होने वाला खर्च जारी रहने का अनुमान है. ब्रिकवर्क रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अप्रैल से जून के बीच में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के उत्पादों के सेल्स में भी इजाफा हुआ है.
पैकेज्ड फूड्स की मांग बढ़ी
मार्च के बाद से पैकेज्ड फूड के सेल्स में बढ़ोतरी हुई है. इसमें ब्रेकफॉस्ट सेरेल्स, इंस्टैंट नूडल्स, चावल जैसे उत्पादों की मांग में ग्रोथ देखने को मिली है. मार्च तिमाही में नेस्ले इंडिया लिमिटेड के मैगी नूडल्स की के रेवेन्यू में 10.7 फीसदी का इजाफा हुआ है. मैगी, किटकैट और मंच की भी सेल्स बढ़ी है. Parle-G बिस्किट्स की मांग भी अप्रैल-मई के बीच बढ़ी है. दरअसल, सरकार और NGOsने बड़े मात्रा में इस बिस्किट का बांटा था. ब्रिटानिया के प्रोडक्टस की भी मांग बढ़ी है.
टेक्नोलॉजी पर बढ़ी निर्भरता
लॉकडाउन के दौर से ही लोगों की निर्भरता टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स पर भी बढ़ी है. ऑनलाइन एजुकेशन स्टार्टअप बाइजूस (Byju’s) पर नये स्टूडेंट्स की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. अब कंपनी ने अपने नये यूजर्स को रिटेन करने के प्लान पर काम कर रही है. यही कारण है कि लोकल भाषाओं में भी इस प्लेटफॉर्म ज्यादा से ज्यादा सब्जेक्ट्स उपलब्ध कराये जा रहे हैं. ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट (Flipkart) का कहना है कि मार्च के बाद से लैपटाप को लेकर सर्च में दोगुना इजाफा हुआ है. जी5 के सब्सक्रिप्शन में भी मई के दौरान 33 फीसदी का इजाफा हुआ है.
गोल्ड लोन की मांग में इजाफा
अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन का दौरा है और लाखों लोग बेरोजगार हो रहे हैं. यही कारण है कि अब गरीब वर्ग के लोग अपने पास रखे गोल्ड की मदद ले रहे हैं. छोटे कारोबारी सबसे ज्यादा गोल्ड के बदले लोन ले रहे हैं. इस वजह से कुछ फर्म्स को फायदा भी हो रहा है. मुथूट फाइनेंस लिमिटेड के शेयर्स में इजाफा हो रहा है. अब तक इस फर्म के शेयरों में 57 फीसदी का इजाफा हुआ है. एनलिस्ट्स का कहना है कि अब यह कंपनी एमएससीआई इंडिया इंडेक्स के लिए तैयार हो चुकी है. मन्नापुरम फाइनेंस लिमिटेड के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में भी 4.5 फीसदी का इजाफा हुआ है.
घरेलू अप्लायंसेज खरीद रहे भारतीय
जुलाई महीने में लोगों ने जूसर्स, मिक्सर्स, माइक्रोवव्स अवन और टोस्टर्स के बारे में सबसे ज्यादा जानकारी सर्च की है. इसमें चार गुना इजाफा हुआ है. साथ ही वैक्युम क्लीनर्स की मांग भी बढ़ी है. इस साल एक लंबे समय तक सैलून बंद रहे हैं. यही कारण है कि पुरुषों की ग्रुमिंग किट की की भी मांग बढ़ी है. हैवेल्स इंडिया लिमिटेड के ट्रिमर्स के सेल्स में इजाफा हुआ है. कंपनी ने बताया है कि उसके मासिक सेल्स में कोरोना काल से पहले की तुलना में पांच गुना का इजाफा हुआ है.
करीब एक चौथाई भारतीय लोग होम केयर प्रोडक्ट्स पर खर्च कर रहे हैं. इसमें 18 से 34 साल की उम्र के लोग हैं. खास बात है कि भारत में इस उम्र के युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. ऐसे में यही ट्रेंड जारी रहा तो कई कंपनियों को अच्छा लाभ मिल सकता है.