फरीदाबादः अब कोरोना मरीजों के घर होगा औचक निरीक्षण

 

फरीदाबाद। प्रशासन अब कोरोना मरीजों के घरों पर पहुंचेगा। इस औचक निरीक्षण में उसकी मौजूदगी की जांच की जाएगी। प्रशासन ने यह निर्णय इन शिकायतों के मद्देनजर उठाया है कि होम आइसोलेट कोरोना संक्रमित बाहर घूमते रहते हैं।

Faridabad: Now Corona patients will have surprise inspection

स्वास्थ्य कर्मी कोरोना मरीज के घर औचक निरीक्षण करेंगे और उसकी रिपोर्ट अब सीएमओ को दी जाएगी।
यदि कोई मरीज होम आइसोलेशन के दौरान अपने घर पर नहीं मिलता है, तो उस पर महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।

कोरोना की रिकवरी दर बढ़ी

उधर, जिला उपायुक्त यशपाल ने प़त्रकारों से बातचीत में कहा कि जिला में कोरोना की रिकवरी दर काफी बढ़ी है और अब मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि पॉजीटिविटी दर भी कम हुआ है तथा गंभीर मरीजों की संख्या में भी कमी आई है। मरीज डबल होने के दिनों में काफी बढ़ोतरी हुई है। इस हिसाब से आगामी दो सप्ताह के बाद इसके संक्रमण में काफी तेजी से गिरावट आने की उम्मीद है।

उपायुक्त कहा कि जिला प्रशासन कोरोना के खिलाफ पिछले चार महीने से निरंतर लड़ाई लड़ रहा है। इस लड़ाई में समाज के अनेक लोग मदद को आगे आए और सहयोग किया। जिला प्रशासन की तैयारियों व प्रबंधों की बदौलत जिला की परिस्थितियों को देखते हुए कोरोना के खिलाफ अब तक की लड़ाई काफी कारगर रही है और इसके संक्रमण को रोकने में बड़ी सफलता प्राप्त की है।
उन्होंने कहा कि इस जिला में स्लम एरिया, दिल्ली राज्य से काफी आबादी सटी होना तथा अधिक जनसंख्या होने के बावजूद संक्रमण को बड़े स्तर पर फैलने से रोका है। संक्रमण को रोकने का बड़ा कारण यह भी रहा कि जिला प्रशासन ने बार-बार डोर टू डोर सर्वे का कार्य किया। इस दौरान चार बार सर्वे किया गया, जिसमें स्क्रीनिंग कर मरीजों की पहचान की गई और समय पर उनका इलाज किया गया या फिर उन्हें होम क्वारेंटाइन किया गया। कांट्रैक्ट ट्रैसिंग कर अन्य लोगों को भी क्वारेंटाइन किया गया।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों की टीमें निरंतर लोगों के बीच रही और सराहनीय कार्य किया। जिला प्रशासन की ओर से आईईसी गतिविधियां चलाई गई तथा मीडिया ने भी बड़े स्तर पर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया। निरंतर सही सूचनाओं सेे जनता का भी आत्मविश्वास बढ़ा। जिला प्रशासन ने अपने सोशल एकांडट्स के माध्यम से भी निरंतर जनता को सही व समय पर जानकारी पहुंचाई।
उपायुक्त ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति स्वेच्छा से इस समय भी जिला प्रशासन की मदद को आगे आना चाहता है तो वह अपने एरिया में लोकल कमेटियों से जुड़ सकता है और अपना नंबर शेयर कर सकता है।

प्लाज्मा दान करेंगे

उपायुक्त ने कहा कि अभी कोरोना के लिए कोई दवा नहीं आई है, लेकिन प्लाज्मा थैरेपी से इलाज के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। ऐसे में ईएसआई अस्पताल में प्लाज्मा बैंक बनाया गया है। इस अस्पताल के अलावा अन्य किसी भी अस्पताल में प्लाज्मा डोनेट नहीं किया जा सकता है। प्लाज्मा डोनेट करने के कार्य में जिला रैडक्रास सोसायटी की ओर से प्लाज्मा बैंक टीम का सहयोग किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कोरोना से ठीक होने वाला मरीज नेगेटिव रिपोर्ट आने के 14 दिन बाद प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। अब कोरोना से ठीक होने के बाद उन लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए मोटिवेट किया जा रहा है। अब तक करीब 80 से अधिक लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया है। सरकारी अस्पतालों में दाखिल मरीजों को प्लाज्मा निशुल्क दिया जाता है तथा प्राइवेट में दाखिल मरीजों के लिए सरकार ने रेट निर्धारित किए हुए हैं।
बड़े स्तर पर एंटी बॉडी सर्वे होगा

इसके अलावा जिला में सेरोप्रवलेंस सर्वे किया गया, जिसमें 249 लोगों पर किए सर्वें में 41 लोग पॉजीटिव मिले हैं। उन्होंने कहा कि अब आगामी दिनों में बड़े स्तर पर सेरोप्रवलेंस सर्वे यानी एंटी बॉडी सर्वे किया जाएगा। शहर की बड़ी कालोनियों में पहले तथा बाद में सभी एरिया में लोगों को स्क्रीन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कोविड मरीजों के लिए जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां व जरूरी प्रबंध पूरे कर लिए है। इसके तहत 10 हजार बेड की क्षमता की पूरी तैयारी है। इसके साथ ही आक्सीजन सिलेंडर व आक्सी मीटर की भी खरीद की गई है तथा खाने-पीने संबंधी इंतजाम पूरे किए गए हैं। जिला में विभिन्न स्थानों पर कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं, जिसमें उन लोगों को शिफ्ट किया जाता है, जिनके पास होम क्वारेंटाइन की सुविधा नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना इस जंग में जिला प्रशासन सही दिशा के कारण स्थिति बेहतर के साथ और बेहतर हो रही है।

एंटीजन टेस्ट अब सिर्फ 15 मिनट में

उपायुक्त ने पत्रकारों के सवाल पर बताया कि पहले कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आने में समय लगता था, लेकिन अब एंटीजन टेस्ट के माध्मय से 15 मिनट के दौरान परिणाम का पता चल जाता है। उन्होंने बताया कि कोई भी अस्पताल या व्यक्ति सीधे रूप से प्लाज्मा डोनर को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए संपर्क नहीं कर सकता, अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा मास्क न पहनने पर चालान किया जा रहा है तथा साथ ही पांच मास्क भी उसे दिए जा रहे हैं।

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