फरीदाबादः अवैध आरओ प्लांट और ट्यूबवैल संचालकों को जोरदार झटका, 16 लोगों को बीडीओ ने भेजा नोटिस

 

फरीदाबाद। अवैध आरओ प्लांट और ट्यूबवैल संचालकों पर प्रशासन ने नकेल कसनी शुरू कर दी है। ऐसे 16 संचालकों को खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीओ) ने नोटिस दिए हैं। ये नोटिस नीति आयोग के डंडे के बाद जारी किए गए हैं।

Faridabad: Strong shock to illegal RO plant and tubewell operators, BDO sent notice to 16 people

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का अवैध कारोबार अब करोड़ों में फैल गया है। अवैध आरओ प्लांट और ट्यूबवैल के संचालक नियमों को धता बताते हुए यह कारोबार कर रहे हैं।

पानी के इस अवैध धंधे को नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त रहता है।

सेव अरावली ट्रस्ट के पर्यावरण कार्यकर्ता जितेंद्र भड़ाना ने पाली गांव में अवैध जल दोहन की शिकायत नीति आयोग में की थी।

अब बीडीओ ने पाली गांव के 16 लोगों को नोटिस जारी किए हैं।

इन लोगों में सरजीत पुत्र अतर सिंह, झम्मन पुत्र मवासी, अजब पुत्र रामकुमार, सतपाल पुत्र हंसी, वेदप्रकाश पुत्र ज्ञासी, सतप्रकाश पुत्र ज्ञासी, अनिल-संदीप पुत्र सुरेंद्र, रामू नंबरदार, जयवीर पुत्र जीया, भगत पुत्र धुंधी, बच्चू पुत्र करन, नंदी पुत्र पन्नू, योगेश पुत्र राजबीर, धीरज पुत्र बेदराम, चुन्नी पुत्र बोदन, ब्रिज पुत्र नत्थी चौमुण्डा, शािमल हैं।

नोटिस में कहा गया हैः

  • पाली गांव में ट्यूबवैल और आरओ प्लांट लगाकर पानी बेचने के काम को तुरंत प्रभाव से बंद करने के बारे में जितेंद्र भड़ाना द्वारा इन लोगों के विरुद्ध शिकायत की गई है।
  • आरोप है कि ये लोग पिछले 5-6 साल से गांव में बड़े ट्यूबवैल लगाकर उनके पानी को शहर और फैक्ट्रियों में बेचने का धंधा बहुत बड़े पैमाने पर कर रहे हैं।
  • साथ ही अवैध आरओ प्लांट लागकर उनके पानी को भी बड़े स्तर पर बाहर बेचा जा रहा है।
  • इस कारण पहले से ही डार्क जोन में आने वाले गांव का पानी लगातार सूखता जा रहा है, जो हमें बड़े खतरे में डालने जा रहा है।
  • पाली के आस-पास के सभी गांवों में और यहां तक कि गांव पानी के जंगल में भी भूजल बिल्कुल सूख चुका है।
  • गांव के अंदर के भूजल का स्तर 80 फुट से 180 फुट तक नीचे चला गया है।
  • इसलिए अवैध ट्यूबवैलों तथा आरओ प्लांटों को सील करने की जरूरत है।
  • इसलिए आरोपियों को इस नोटिस द्वारा सूचित किया जाता है कि उनके द्वारा अवैध रूप से जो ट्यूबवैल और आरओ प्लांट लागकर पानी बेचा जा रहा है।
  • इसे सात दिन के अंदर-अंदर बंद कर दें।
  • अन्यथा प्रशासन द्वारा ट्यूबवैल और आरओ प्लांट को सील कर दिया जाएगा।
  • उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
  • इस बारे में आरोपियों का अपना पक्ष रखना है, तो 23 जुलाई को सेक्टर 16 स्थित बीडीओ दफ्तर में अधोहस्ताक्षरी के समक्ष पक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं।

5 साल जेल में सड़ोगे

जितेंद्र भड़ाना ने कहा कि मामले में नीति आयोग ने केंद्रीय जल बोर्ड और मंत्रालयों को भी नोटिस जारी किए हैं।

उन्होंने कहा कि इस नोटिस के बाद पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत कार्यवाही होगी, जिसमें पहले फैसले में 5 साल तक की सजा है। फैसले की अवमानना करने पर पूरे सात साल की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना है।

उन्होंने कहा कि पानी की बिगड़ती हालत और अफसरों द्वारा अपनी जवाबदेही और खुद को सुरक्षित रखने के चक्कर में कोई भी नेता या अफसर इसमें वकालत या सिफारिश का रिस्क नहीं लेगा।

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