चंडीगढ़। राजनीतिक बाध्यता के कारण हरियाणा विधानसभा का अगला सत्र 3 सितंबर से पहले होना चाहिए। इसलिए विधानसभा का मानसन इस साल अगस्त के आखिरी हफ्ते तक बुलाया जा सकता है। हालांकि राज्य मंत्रिमंडल की तरफ से अभी सत्र की तारीक का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन विधानसभा सचिवालय तैयारियां शुरू कर चुका है।
Monsoon session of Haryana Legislative Assembly in August, preparations begin
Chandigarh Due to political compulsion, the next session of Haryana Legislative Assembly should be held before 3 September. Therefore, the assembly can be summoned till the last week of August this year. Although the date of the session has not been announced by the state cabinet, the Assembly Secretariat has started preparations.
कोरोना काल चल रहा है, तो संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के चलते मानसून सत्र की कार्यवाही की जाएगी। वहीं, 90 सदस्यों वाली विधानसभा में इतने ही विधायकों के बैठने पर प्रतिबंध है, लेकिन एक बैंच पर दो विधायक जरूर साथ बैठते हैं।
अब इन सभी चीजों को देखते हुए ही विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता बीजेपी-जेजेपी के अलावा कांग्रेस, इनेलो से भी विचार-विमर्श कर रहे हैं।
हालांकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी सदन की कार्यवाही किए जाने पर बात की गई, लेकिन ज्यादातर विधायक इससे असहमत दिखे।
बता दें कि विधानसभा के नियमों के हिसाब से हर 6 महीने में सत्र बुलाना अनिवार्य होता है।
मार्च में पहले-दूसरे हफ्ते में बजट सत्र हुआ, अब 3 सितंबर से पहले मानसून सत्र बुलाना जरूरी है।
बता दें कि इंडस्ट्री एक्ट में संशोधन करने का अध्यादेश सरकार की तरफ से पहले ही जारी किया जा चुका है।
ऐसे ही पंचायती राज संस्थाओं- जिला परिषदों, पंचायत समितियों, ग्राम पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का बिल भी पेश किया जाना है।
वहीं, प्राइवेट कंपनियों, इंडस्ट्रियों, ट्रस्ट की नौकरी में 75 प्रतिशत आरक्षण स्थानीय युवाओं को देने का बिल भी पेश होगा। संवैधानिक तौर पर मनोहर सरकार इसको मंजूरी दे चुकी है।