चीन का हलक सूखाः ध्वनि से तीन गुना तेज ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

बालासोर। भारत ने ओडिशा स्थित एक प्रक्षेपण स्थल से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का बुधवार को सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। रक्षा सूत्रों ने कहा कि यह मिसाइल कई स्वदेशी विशिष्टताओं से लैस है जो श्आत्मनिर्भर भारतश् की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

China’s mouth dry: three times faster than sound BrahMos cruise missile successful test

Balasore. India on Wednesday successfully test-fired the BrahMos supersonic cruise missile from a launch site in Odisha. Defense sources said that the missile is equipped with many indigenous features, which is an important step towards self-reliant India. A surface-to-surface cruise missile equipped with specialties like indigenous boosters and other subsystems built in India with airframes, a statement issued in this regard said, the premises of Integrated Test Center (ITR) at Chandipur near Balasore Fired from three.

इस संबंध में जारी एक बयान में कहा गया कि स्वदेशी बूस्टर और श्एअरफ्रेमश् के साथ भारत में निर्मित अन्य उप-प्रणालियों जैसी विशिष्टताओं से लैस सतह से सतह पर मार करने वाली यह क्रूज मिसाइल बालासोर के पास चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) के परिसर तीन से दागी गई।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफलतापूर्वक परीक्षण पर बधाई डीआरडीओ को बधाई दी।

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, स्वदेशी रूप से विकसित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण करने के लिए क्त्क्व् पर भारत को बहुत गर्व है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और डीआरडीओ अध्यक्ष ने डीआरडीओ के कर्मियों, ब्रह्मोस टीम और संबंधित उद्योग को इस शानदार प्रदर्शन पर बधाई दी। ब्रह्मोस मिसाइल को जमीन, समुद्र और लड़ाकू विमानों से भी दागा जा सकता है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने आज सुबह साढ़े दस बजे किए गए इस परीक्षण को सफल करार देते हुए कहा कि मिसाइल के प्रक्षेपण के दौरान सभी मानक प्राप्त कर लिए गए जिसकी मारक क्षमता 400 किलोमीटर से अधिक की है।

ब्रह्मोस लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (एलएसीएम) 2.8 मैक की शीर्ष गति से रवाना हुई। बयान में कहा गया कि अत्याधुनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण स्वदेशी उपकरण क्षमता को मजबूत करने में एक और बड़ा कदम है।

इसमें कहा गया, आज के सफल परीक्षण ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के तहत शक्तिशाली ब्रह्मोस अस्त्र प्रणाली के स्वदेशी बूस्टर और अन्य स्वदेशी उपकरणों के सिलसिलेवार उत्पादन का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।

मिसाइल के पहले विस्तारित संस्करण का सफल परीक्षण 11 मार्च 2017 को किया गया था, जिसकी मारक क्षमता 450 किलोमीटर थी। तीस सितंबर 2019 को चांदीपुर स्थित आईटीआर से कम दूरी की मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल के जमीनी संस्करण का सफल परीक्षण किया गया था।

डीआरडीओ और रूस के प्रमुख एरोस्पेस उपक्रम एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्राह्मोस मिसाइल मध्यम रेंज की श्रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों तथा जमीन से दागा जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि यह मिसाइल पहले से ही भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना के पास है। इसे दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है।

Related posts