फरीदाबादः बिजली न आने से मल्टीनेशल कंपनियों और बीपीओ के कर्मचारी हुए परेशान

फरीदाबाद। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) द्वारा 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत फरीदाबाद सहित पूरे एनसीआर में डीजल जनरेटर चलाने पर पांबदी लगा दी गई है। इससे उघोग-धंघों पर बुरा असर पड़ना शुरू हो गया है। उघोगपति नियम लागू होने के दूसरे दिन से ही त्राहि-त्राहि करने लगे हैं।

Faridabad: Multinational companies and BPO employees upset due to lack of electricity

Faridabad. The Environment Pollution Control Authority (EPCA) has imposed a ban on running diesel generators in the entire NCR including Faridabad under the Graded Response Action Plan from October 15. This has started affecting the thigh-thighs badly. Ughogapati has started to do trophies since the second day of the rule in force. On Friday, the SSR Corporate Park, located at NHP Chowk near Faridabad-Badarpur Border, lost power at 7 am. It has about 50 multinational companies and BPOs, which have a 24-hour work.

शुक्रवार को फरीदाबाद-बदरपुर बार्डर के पास एनएचपी चौक स्थित एसएसआर कॉरपोरेट पार्क सुबह 7 बजे से बिजली गुल हो गई।

इसमें लगभग 50 के करीब मल्टीनेशनल कंपनियां और बीपीओ हैं, जिनमें 24 घण्टे काम होता है।

बिजली जाने के बाद जनरेटर न चलाने आदेश के कारण मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी नीचे आ गए।

इसी दौरान सुबह की शिफ्ट में काम करने वाले कंपनियों के कर्मचारी भी कॉरपोरेट पार्क के बाहर एकत्रित हो गए और बिजली आने का इंतजार करते रहे।

कंपनियों ने एसएसआर के एमडी दिनेश जांगिड़ से फोन पर संपर्क किया और उन्हें पूरी बात बताई। तुरंत बिजली विभाग से संपर्क किया गया, तो उन्होने बताया कि कोई फाल्ट आ गया है।

अखिकार लगभग 3 घण्टे बाद बिजली आई और फिर दोबारा काम शुरू हो सका।

कंपनी के एमडी दिनेश जांगिड़ ने बताया कि हम सभी प्रदूषण को कम करने के पक्ष में है और पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण के निर्णय का स्वागत करते हैं, परन्तु बिजली विभाग भी बिजली की आपूर्ति में कोई बाधा न आए, इसे सुनिश्चित करे।

उन्हांेने बताया कि हमारे यहां आईटी और बीपीओ कंपनियों में कुल मिलाकर लगभग 1200 लोग काम करते हैं। इससे हमारा तो क्या शहर का नाम बदनाम होता है।

उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण वैसे ही काम-धंधे में बहुत गिरावट आ चुकी है। इसलिए सरकार को चाहिए कि पहले बिजली की 24 धण्टे आपूर्ति हो, ताकि हमें जनरेटर चलाने की नौबत ही न आए।

उन्होंने बताया कि आईटी कंपनियों का सारा अंतराष्ट्रीय व्यापार होता है और रोजगार देने के मामले में भी वो सबसे ऊपर है। अगर इस तरह उन्हें बिजली नहीं मिलेगी, तो वे परेशान होकर किसी और जगह का भी रूख कर सकती है, जिससे सरकार को रेवेन्यू का बहुत नुकसान होगा और पड़े-लिखे बच्चे बेरोजगार होंगे।

 

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