फ्रेंच पत्रिका ने फिर छापा पैगंबर मोहम्मद का कार्टून, कहा ‘हम कभी नहीं झुकेंगे’

पेरिस। फ्रेंच व्यंग्य साप्ताहिक शार्ली हेब्दो ने 1 सितंबर को पैगंबर मोहम्मद के बेहद विवादास्पद कार्टून को फिर से प्रकाशित किया है। हमले के कथित अपराधियों के इस सप्ताह मुकदमे की शुरुआत के बीच ये घोषणा की गई। मैगजीन के डायरेक्टर लौरेंट रिस सौरीस्यू ने लेटेस्ट एडिशन में कार्टून को फिर से छापने को लेकर लिखा, ‘हम कभी झुकेंगे नहीं, हम कभी हार नहीं मानेंगे।’

French magazine again printed cartoon of Prophet Mohammad, said ‘we will never bow down’

Paris. French satire weekly ‘Sharley Hebdo’ has republished the highly controversial cartoon of Prophet Mohammed on 1 September. The announcement came amid the start of trial this week of alleged perpetrators of the attack. The magazine’s director Laurent Ris Sourisseau wrote about reprinting the cartoon in the latest edition, “We will never bow down, we will never give up”.

बता दें कि इसी कार्टून छापने को लेकर खूनी विवाद हुआ था। 7 जनवरी साल 2015 को पेरिस स्थित र्ली हेब्दो’ के कार्यालय में दो आतंकी भाइयों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं थीं। इस आतंकी हमले में 12 लोग मारे गए थे। इनमें से कुछ मशहूर कार्टूनिस्ट थे।

शार्ली हेब्दो के ऑफिस पर जनवरी 2015 में हुए आतंकी हमले की सुनवाई भी बुधवार (2 सितंबर) से शुरू हो रही है।
इसी बीच इस हमले के 5 साल बाद शार्ली हेब्दो पत्रिका ने उसी कार्टून को फिर से पब्लिश किया और कहा, ‘हम कभी झुकेंगे नहीं, हम कभी हार नहीं मानेंगे।’

पत्रिका के डायरेक्टर लोआं रिस सूरीसू ने इस बारे में एक संपादकीय भी लिखा है।

बुधवार से ट्रायल शुरू

हमलावरों ने एक सुपरमार्केट को भी अपना निशाना बनाया था। इस मामले में पेरिस में बुधवार से ट्रायल शुरू हो रहा है।
मैगजीन के हालिया संस्करण के कवर पेज पर दर्जन भर कार्टून छापे गए हैं। कवर पेज के बीच में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून है।

जीन काबूट ने इसे बनाया था। उन्हें काबू नाम से भी जाना जाता था। 2015 में हुए हमले में उनकी जान चली गई थी। फ्रंट पेज की हेडलाइन है, ‘यह सब, बस उसी के लिए।’

कार्टून के अलावा पत्रिका की संपादकीय टीम ने कहा है कि यह उन कार्टूनों को छापे जाने का सही समय है।

उनका कहना है कि इस मामले में मुकदमा शुरू हो चुका है और इसलिए इन कार्टूनों को छापना जरूरी है।

टीम ने कहा है कि जनवरी, 2015 के बाद उनसे बार-बार यही कहा जाता रहा है कि हम पैगंबर मुहम्मद के दूसरे कैरिकेचर भी छापें।

 

 

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