हरियाणाः ऐसे-ऐसे भी बीडीपीओ हैं, जवाब सुनकर सन्न रह गए एसडीएम

बहादुरगढ़। अपनी सर्विस की दूसरी ही पोस्टिंग में बहादुरगढ़ में तैनात महिला बीडीपीओ खंड विकास पंचायत अधिकारी दीपिका शर्मा विवादों से घिर गईं है। यहां 27 दिनों की तैनाती में मुश्किल से 14 दिन ड्यूटी पर पहुंची बीडीपीओ ने डीसी दफ्तर और एसडीएम के फोन तक नहीं उठाए। मीटिंगों में बुलाया, तो वहां भी नहीं पहुंची। जवाब यहां तक दिया कि किसी को जरूरत है तो मेरे पास आए।

Haryana: There are such BDPOs, SDM stunned after hearing the answer

Bahadurgarh. In the second posting of her service, women BDPO block development panchayat officer Deepika Sharma posted in Bahadurgarh is surrounded by controversies. Barely 14 days in the 27-day deployment, the BDPO did not pick up the phone of the DC office and the SDM. Called in meetings, she did not reach there either. He even replied that if someone needs it, come to me. Distressed, the SDM reached the panchayat office and was stunned to hear the replies of the BDPO.

परेशान हुए एसडीएम पंचायत कार्यालय पहुंच गए और वहां बीडीपीओ के जवाब सुन दंग रह गए।

एसडीएम की एक भी बात का बीडीपीओ ने सीधे मुंह जवाब नहीं दिया। पूछा, आपको पता हैं आप कौन हैं, तो बोली नहीं पता।

जब कहा गया कि डयूटी् नहीं करनी तो इस्तीफा दे दो, तो महिला अफसर झट से इस्तीफा टाइप करवाने चली गई। यह अजीबो-गरीब वाकया आज सोमवार दोपहर को हुआ।

दरअसल, इन दिनों गांवों से जुड़ी जलभराव और दूसरे मामलों की समस्याएं एसडीएम कार्यालय में आ रही हैं।

एसडीएम उन्हें पंचायत विभाग को मार्क कर रहे हैं। मगर किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इधर, बीडीपीओ को फोन किया तो एक बार भी रिसीव नहीं हुआ।

यहां तक की डीसी कैंप ऑफिस से भी बीडीपीओ के पास कॉल की गई, उसका भी जवाब नहीं दिया।

मामला गर्म हुआ तो आज दोपहर एक बजे एसडीएम हितेंद्र शर्मा बीडीपीओ दफ्तर पहुंच गए। वहां बीडीपीओ दीपिका शर्मा अपने रूम में थी। एसडीएम ने अंदर पहुंचते ही उनसे जवाब तलबी की, मगर बीडीपीओ ने तो उल्टे सीधे जवाब दिए।

एसडीएम ने पूछा कि फोन क्यों नहीं उठा रहे, लोगों के काम क्यों नहीं कर रहे, मीटिंग में क्यों नहीं आ रहे तो बीडीपीओ का जवाब सुन खुद एसडीएम हक्के बक्के रहे गए।

बीडीपीओ का पहला ही जवाब था कि जो फोन सेव नहीं, उन्हें नहीं उठाती। लोगों के काम करने के लिए और स्टाफ है।

जब एसडीएम ने पूछा कि इंचार्ज कौन है, तो उसमें भी एसईपीओ का नाम लिया। फिर पूछा कि, फिर आप क्या करती हैं तो बोली थोड़ी देर आती हूं और बैठकर चली जाती हूं।

यहां तक कि एसडीएम ने जब यह सवाल किया कि पता हैं आप कितनी जिम्मेदारी के पद पर हैं और क्या काम करना होता है तो, महिला अफसर का जवाब था.. मुझे तो पता नहीं मैं कौन हूं और क्या करना है।

ऐसे जवाब सुन एसडीएम से रहा नहीं गया तो बोले, नौकरी करनी है या नहीं। इस पर भी जवाब नहीं में मिला तो एसडीएम ने कह दिया ड्यूटी नहीं करनी, तो इस्तीफा दे दो।

इस पर जवाब मिला, लाओ इस्तीफा लिख देती हूं, किसको देना है। इसके बाद झट से बीडीपीओ ने हैंड बैग से रजिस्टर और पेन निकाला तो एसडीएम बोले, टाइप करवा लो।

इसके बाद बीडीपीओ कमरे से निकल गए।

इस वाकये के बाद एसडीएम ने स्टाफ से पूछा, तो पता चला कि बीडीपीओ का व्यवहार ही अजीबो-गरीब है। इससे पहले हांसी में थी। वहां पर भी यही सब किया।

 

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