नगर निगम में 26 गांवों को शामिल करने का विरोध करेंगे: विजय प्रताप

फरीदाबाद। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं बड़खल क्षेत्र के पूर्व कांग्रेसी प्रत्याशी चौधरी विजय प्रताप सिंह ने 26 गांवों को नगर निगम परिधि में शामिल किए जाने पर आपत्ति प्रकट करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार 26 गांवों की नगर निगम में शामिल करने की कार्यवाही शुरू कर रही है। किंतु जब नगर निगम अपने वर्तमान क्षेत्रों में ही विकास कार्य करवा पाने में असमर्थ है, तो नए सम्मिलित क्षेत्रों के साथ वह कैसे न्याय कर पाएगा।

Opposition to include 26 villages in municipal corporation: Vijay Pratap

Faridabad. Senior Congress leader and former Congress candidate from Badkhal region, Chaudhary Vijay Pratap Singh, objected to the inclusion of 26 villages in the municipal corporation area, saying that the Haryana government was starting the process of including 26 villages in the municipal corporation. But when the Municipal Corporation is unable to carry out development work in its present areas, how will it be able to do justice to the newly incorporated areas.

विजय प्रताप सिंह ने कहा कि लोगों को पीने के पानी की किल्लत है। जो पानी आता है, वह साफ नहीं है। सड़कों की हालत दयनीय हैं। सीवर ओवरफ्लो की समस्या बनी हुई है। नगर निगम के पार्क भी बुरी हालत में हैं। 80 फीसद इलाके में स्ट्रीट लाइट नहीं हैं। वॉटर ड्रेनेज की समस्या भीषण है। थोड़ी सी बारिश में भी शहर में जलभराव हो जाता है। नालों और नालियों की सफाई भी सुचारू रूप से नहीं हो रही है। नए कामों के लिए पैसे की कमी तो है ही, ठेकेदारों की पुरानी पेमेंट भी पेंडिंग पड़ी हुई हैं। ऊपर से भ्रष्टाचार ने निगम को खोखला इस कदर कर दिया है कि निगम दफ्तर में आग लगाकर फाइलों को जला दिया जाता है। कर्मचारियों को वेतन देने की लिए भी निगम को पैसे की दिक्कत है। नए पदों पर नौकरियों को भरने की निगम में क्षमता नहीं है। ऐसे में नगर निगम में इन गांवों को सम्मिलित करने की सरकार की मंशा स्पष्ट है कि नगर निगम कर्ज से दबी है और पैसों की तंगी है, तो सरकार की नजर इन गांवों की हजारों एकड़ जमीन और इन गांवों की पंचायतों के खातों में जमा कई सौ करोड़ रुपये और मिलने वाले मुआवजे को सरकार हड़पना चाहती है।

उन्होंने कहा कि फिलहाल जो सेक्टर, कॉलोनी और गांव नगर निगम में हैं। उनकी हालत हाउस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स, कमर्शियल टैक्स, सीएलयू चार्जेज, वॉटर और फायर टैक्स एवं रजिस्ट्रियांे पर टैक्स, गाड़ियों की रेजिस्ट्रशन और मेंटेनेन्स टैक्स जैसे अनेक प्रकार के कर देने के बाद भी निराशाजनक है, तो कैसे नए शामिल हुए गांव सरकार पर भरोसा करें। या तो हरियाणा सरकार ये घोषणा पहले करे कि इन सभी गांवों में खेल के स्टेडियम, हर गांव में कम्युनिटी सेंटर एवं बारात घर कम से कम 2 एकड़ में, सभी गांवों में पानी की टंकिया या बूस्टर और सीवर व्यवस्था तथा यथा योग्य अनुसार नौकरियों में प्राथमिकता का वायदा नगर निगम चुनाव से पहले एक साल के अंदर करे, नहीं तो कांग्रेस पार्टी और हम सभी जनता के साथ मिलकर सरकार के इस निर्णय का विरोध करेंगे। उम्मीद है कि सरकार जनता के प्रति अपने दायित्व का निर्वाह करते हुए ये मांगें पूरी करेगी।

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