जिद्दी दरोगा अली को आखिर कटवानी पड़ी दाढ़ी

बागपत। दाढ़ी बढ़ाकर ड्यूटी करने वाले बागपत के सस्पेंड सब इंस्पेक्टर इंतसार अली ने  आखिरकार दाढ़ी कटवा ली है। दाढ़ी कटवाने के बाद एसपी ने उन्हें बहाल कर दिया। इस मामले में जमीयत उलमा के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को डीएम शकुंतला गौतम और एसपी अभिषेक सिंह से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि हर व्यक्ति को धर्म के अनुसार रहने का अधिकार है। इस मामले में पहले निलंबित सब इंस्पेक्टर का कहना था कि नवंबर 2019 में दाढ़ी रखने की अनुमति के लिए आईजी को आवेदन पत्र भेजकर अनुमति मांगी थी, लेकिन अभी तक अनुमति नहीं मिली।

Stubborn Sub Inspector Ali finally got to shave

Baghpat. Suspended Sub Inspector Pratsar Ali of Baghpat, who grew a beard, has finally got his beard cut. The SP reinstated him after shaving his beard. In this case, Jamiat ulma officials met DM Shakuntala Gautam and SP Abhishek Singh on Friday. He said that every person has the right to live according to religion. In this case, the first suspended sub-inspector said that in November 2019, permission was sent to the IG for permission to shave, but permission was not yet received.

बागपत के एसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि पुलिस में सिर्फ सिख समुदाय को ही दाढ़ी रखने की अनुमति है। हिन्दू-मुस्लिम सहित अन्य समाज को इसकी अनुमति नहीं दी गई है। पुलिस में अनुशासन का पालन करना सभी के लिए जरूरी है। इंतसार को कई बार नोटिस भेजा गया था कि दाढ़ी रखने के अनुमति लें, लेकिन लगातार इसकी अनदेखी की गई। अनुशासनहीनता में विभागीय स्तर पर निलंबित करने की कार्रवाई की गई है। इसको किसी मजहब से जोड़कर न देखा जाए।

कोई अनुमति का प्रार्थना पत्र नहीं

आईजी मेरठ रेंज प्रवीण कुमार का कहना है कि उनके कार्यालय में दरोगा इंतसार अली का कोई प्रार्थना पत्र है, ऐसा मेरे संज्ञान में नहीं आया है। दाढ़ी रखने के लिए संबंधित जिले के एसएसपी या एसपी से अनुमति ली जाती है। अनुमति कैंसिल होने पर आईजी कार्यालय में अपील की जाती है।

नियम यह हैं

– सिखों को छोड़कर यदि अन्य कोई सेवा में रहते हुए दाढ़ी रखता है तो उसको अनुमति लेना आवश्यक है

– पुलिस में रहते केवल मूंछ रखने की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती

– एसपी या एसएसपी के अधीन सेवारत लोगों को पहले स्थानीय स्तर पर अनुमति का प्रार्थना पत्र देना होता है।

– यदि वहां से प्रार्थना पत्र निरस्त होता है तो आईजी स्तर पर अपील की जा सकती है।

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