नई दिल्ली। नाभि में तेल डालने के फायदे के बारे में अक्सर आपने बुजुर्गों से सुना होगा। नाभि में तेल डालने के अनगिनत लाभ हैं।
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शिशु अवस्था में बच्चा मां के गर्भ में गर्भ नाल से ही जुड़ा होता है।
गर्भ नाम से बच्चा भोजन ग्रहण करता है।
प्रसव के बाद गर्भ नाल को काट दिया जाता है।
नाभि में फिर भी ग्रंथियों का एक गुच्छा रह जाता है।
नाभि में पेकोटि ग्रंथि होती है।
नाभि में तेल डालना तैलम क्रिया के अंदर आता है।
नाभि में तेल सोते समय लगाना चाहिए। इसके अलावा नहाते समय भी नाभि में तेल लगाया जा सकता है।
आमतौर पर नाभि में सरसों का तेल लगाया जाता है।
सरसों के तेल में एंटी बैक्टीरियल गुण होता है।
इसके अलावा आप नारियल का तेल भी लगा सकते हैं।
नाभि में तेल की सिर्फ दो बूंदे लगानी होती हैं।
इससे शरीर में व्याप्त बैक्टीरिया को आसानी से खत्म किया जा सकता है।
शरीर की तेल मालिश से तो त्वचा चमकती ही है। जबकि नाभि में तेल डालने से शरीर की नाड़ियों को शक्ति मिलती है।
नाभि में तेल डालने से नाड़ियों की शुष्कता कम होता है।
नाभि में तेल डाने से ग्रंथियों और नाड़ियों को भोजन मिलता रहता है।
नाभि में तेल डालने के इस तरह कई फायदे होते हैं।
नाभि में तेल लगाने से नाभि की गंदगी समाप्त होती है।
नाभि में तेल लगाने से पुरुषों की शक्ति बढ़ती है।
नाभि में तेल लगाने से पुरुषों के शुक्राणुओं की गुणवत्ता बढ़ती है।
नाभि में तेल लगाने से पुरुषों में बवासीर की समस्या में राहत मिलती है।
नाभि में तेल लगाने से महिलाओं को मासिक धर्म से राहत मिलती है।
नाभि में तेल लगाने से कब्ज से भी छुटकारा मिलता है।
नाभि में तेल लगाने से पाचन शक्ति बढ़ती है।
नाभि में तेल लगाने से मतली और अफारा में तुरंत आराम मिलता है।
नाभि में तेल लगाने से दाद, खाज और खुजली से भी निजात मिल सकती है।
नाभि में तेल लगाने से चेहरे पर अनचाहे कील-मुहासों से छुटकारा मिलता है।
नाभि में तेल लगाने से चेहरे और शरीर की त्वचा में निखार आता है।
नाभि में तेल लगाने से होंठ नर्म और गुलाबी हो जाते हैं।
नाभि में तेल लगाने से नेत्र ज्योति बढ़ती हैं।
नाभि में तेल लगाने से मस्तिष्क को आराम मिलता है, सिरदर्द और मानसिक तनाव कम होता है।
नाभि में तेल लगाने से घुटने, कंधे, कोहनी के दर्द में भी लाभ मिलता है।