हरियाणा में सीएनजी, पीएनजी और पेट्रोल पंपों के लिए सीएलयू नीति संशोधित, विस्तार से जानें खट्टर कैबिनेट के अन्य अहम फैसले

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने एकल खिडकी मंच (सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म) के माध्यम से भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) की स्वीकृति प्रदान करके कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी), पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) स्टेशनों और पेट्रोल पंपों के रिटेल आउटलेट्स स्थापित करने की नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया है, ताकि रिटेल आउटलेट्स की स्थापना के लिए नीति को और अधिक स्पष्ट किया जा सके।

CLU policy revised for CNG, PNG and petrol pumps in Haryana, know other important decisions of Khattar cabinet

Chandigarh. Haryana Government amended the policy to set up Retail Outlets of Compressed Natural Gas (CNG), Piped Natural Gas (PNG) stations and Petrol Pumps by granting approval for Land Use Change (CLU) through a single window platform (Single Window Platform). It has been decided to make the policy for setting up retail outlets more clear.

इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

संशोधन के अनुसार, शहरीकरण योग्य क्षेत्र में स्वतंत्र पेट्रोल पंप एवं ईंधन स्टेशन के लिए कम से कम 20 मीटर गुणा 20 मीटर क्षेत्र की आवश्यकता होगी।

अधिकृत सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों (सीजीडीसी) और ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) द्वारा  स्थल की उपयुक्तता का आकलन करने के बाद एक अलग आयाम का सुझाव देने वाली सिफारिश के मामले में सीएलयू की अनुमति के लिए सीजीडीसीध्ओएमसी द्वारा जारी आशय पत्र (एलओआई) में प्रस्तावित क्षेत्र पर विचार किया जाएगा।

रिटेल आउटलेट स्थल पर दी जाने वाली अनिवार्य सुविधाएं ओएमसी या सीजीडीसी के आशय पत्र के अनुसार होंगी। अन्य अनुज्ञेय गतिविधियों के लिए वैकल्पिक उपयोग हेतु आवृत क्षेत्र कुल अनुज्ञेय भूमि के तीन प्रतिशत से अधिक नहीं होगा जो साइट क्षेत्र का 35 प्रतिशत है।

नगर निगम, मानेसर का गठन

हरियाणा सरकार ने जिला गुरुग्राम में नए नगर निगम, मानेसर का गठन करने का निर्णय लिया है, जिसमें साथ लगते 29 गाँवों को शामिल किया जाएगा।

इस आशय का निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

नवसृजित नगर निगम मानेसर की सीमा में शामिल किए जाने वाले 29 गाँवों में मानेसर (ग्रामीण एवं शहरी), कासन, खोह, नाहरपुर कासन, नवादा, फतेहपुर, ढाणा, बास कूसला, बास हरिया, कांकरोला, भांगरोला, ढोरका, वजीरपुर, बढ़ा, सिकंदरपुर रामपुर (गाँव शिकोहपुर की राजस्व सम्पदा में स्थित), शिकोहपुर, नखड़ोला, बार-गुज्जर, नौरंगपुर, मेवका, हयातपुर, सहरावन, नैनवाल, कुकड़ोला, झुंड सराय(वीरान), झुंड सराय(आबाद), फाजलवास, गोपालपुर और गढ़ी-हरसरू शामिल होंगे।

नए नगर निगम, मानेसर में इन 29 गांवों को शामिल किए जाने पर तीन लाख की न्यूनतम आबादी के आवश्यक मानदंडों को पूरा किया जा सकेगा। वर्तमान सीमाओं के अनुसार इस नए निगम का कुल क्षेत्रफल 124.32 वर्ग किलोमीटर होगा।

दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर के रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मंजूरी

बैठक में रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) के दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर के कार्यान्वयन को मंजूरी दी गई।

आरआरटीएस के दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर की कुल लंबाई 103.02 किलोमीटर है और इसमें दिल्ली में छरू और हरियाणा में 11 स्टेशनों सहित कुल 17 स्टेशन होंगे। आरआरटीएस का निर्माण एवं कमीशनिंग दो चरणों में की जाएगी, इनमें सराय कालेखां से मुरथल डिपो सहित मुरथल (58.28 किमी)तक और मुरथल से पानीपत डिपो सहित पानीपत(44.74 किलोमीटर)  तक।

यह परियोजना भीड़भाड़ वाले स्थानों में लोगों के कुशल एवं प्रभावी आवागमन को सक्षम बनाएगी। इससे हरियाणा के शहरी एवं उप-शहरी क्षेत्र के निवासियों के लिए शहरों एवं कस्बों में सेवाओं और सुविधाओं का उपयोग करने के लिए महत्वपूर्ण लिंक के साथ शहरी क्षेत्रों के आर्थिक विकास में तेजी आएगी। आरआरटीएस परियोजनाएं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा कार्यान्वित की जा रही हैं जो भारत सरकार को एक संयुक्त उद्यम है और इसके प्रतिभागी राज्यों में दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा सरकार हैं। दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर में दो प्रतिभागी राज्य हैं जिसमें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार और हरियाणा शामिल है।

मंत्रिमंडल ने हरियाणा में परियोजना प्रभावी क्षेत्र के भीतर 1.25 तक खरीद योग्य एफएआर की अनुमति देने को भी मंजूरी दी है। चूंकि खरीद योग्य एफएआर की बिक्री सीधे आरआरटीएस के विकास के लिए जिम्मेदार है, इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि नामित मिश्रित उपयोग क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त एफएआर की बिक्री से प्राप्त होने वाले राजस्व का 80 प्रतिशत आरआरटीएस परियोजना के साथ साझा किया जाएगा।

मंत्रिमंडल ने परियोजना लागत के लिए राज्य सरकार के हिस्से के रूप में 4,699 करोड़ रुपये के सकल योगदान को मंजूरी दी है। इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एनसीआरटीसी के साथ समझौतों और अन्य संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रशासनिक सचिव, नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।

इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने एनसीआरटीसी या भारत सरकार के परामर्श के दौरान सामने आने वाले किसी भी बदलाव या संशोधनों को मंजूरी देने या आरआरटीएस परियोजना के कार्यान्वयन में आने वाली कठिनाइयों और अड़चनों को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री हरियाणा को अधिकृत किया है।

डीएचबीवीएन को 900 करोड़ की गारंटी

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड को ऋण सुविधाओं की स्वीकृति के लिए वाणिज्यिक बैंकों के पक्ष में 900 करोड़ रुपये की राज्य सरकार की गारंटी प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की गई।

गुरुग्राम में मौजूदा बिजली वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण और उन्नयन के लिए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड 1408 करोड़ रुपये के परियोजना परिव्यय के साथ स्मार्ट ग्रिड परियोजना कार्यान्वित कर रहा है।

मंत्रिमंडल द्वारा गुरुग्राम में बिजली वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए स्मार्ट ग्रिड परियोजना के वित्तपोषण और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की परिचालन आवश्यकताओं के प्रबंधन के लिए दी गई 900 करोड़ रुपये की राज्य सरकार की गारंटी में 700 करोड़ रुपये सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और 200 करोड़ रुपये कैनरा बैंक के लिए हैं।

हरियाणा विद्युत ठेकेदार लाइसेंस, योग्यता प्रमाण-पत्र तथा वायरमैन परमिट

बैठक में हरियाणा विद्युत ठेकेदार लाइसेंस, योग्यता प्रमाण-पत्र तथा वायरमैन परमिट नियम, 2020 बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

हरियाणा में ‘कारोबार की सहूलियत’ की योजना को लागू करने और आम जनता की सुविधा के लिए इन नियमों के तहत प्रदान की जा रही सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए इन नियमों में संशोधन किए गए हैं।

इन संशोधनों के अनुसार, योग्यता प्रमाण पत्र और वायरमैन परमिट अनुभव के आधार पर प्रदान किए जाएंगे, जिसके लिए आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन जमा करवाने की तिथि को आवेदक की आयु 18 वर्ष से कम या 65 वर्ष से अधिक नहीं चाहिए।

आवेदक को योग्यता और अनुभव पूरा करना होगा, जिसकी जांच स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा की जाएगी। इसके अलावा, प्रमाण पत्र और परमिट, जैसा भी मामला हो, संबंधित क्षेत्र में उसके ज्ञान का पता लगाने के बाद ही प्रदान किया जाएगा। इन नियमों में, कोई प्रमाण पत्र या परमिट प्रदान करने के लिए परीक्षा का प्रावधान समाप्त हो जाएगा।

प्रत्येक लाइसेंस, प्रमाण पत्र या परमिट को समय-समय पर पांच साल की अवधि के लिए नवीनीकृत किया जाएगा। इसके अलावा, प्रत्येक लाइसेंसधारक विद्युत ठेकेदार को श्रम अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना होगा।

दूसरे राज्यों द्वारा दिए गए लाइसेंस हरियाणा को आवश्यक नियम और शर्तों को पूरा करने पर ही हस्तांतरित किए जाएंगे। लाइसेंस, प्रमाण पत्र या परमिट के लिए आवेदन ऑनलाइन और विभागीय वेबसाइट से डाउनलोड किए गए फार्म पर करना होगा।

सभी संदर्भों में सेवाओं के निपटान के लिए पूरे दस्तावेजों की प्राप्ति के बाद तीस दिन की समयावधि होगी। सभी प्रकार के लाइसेंस निरंतर आधार पर जारी किए जाएंगे ताकि आम जनता को राज्य लाइसेंसिंग बोर्ड की बैठक के लिए लंबे समय तक इंतजार न करना पड़े। इसके अलावा, सेवाएं ऑनलाइन प्रदान की जाएंगी और कारोबारी सुगमता से जनसाधारण तथा ग्राहकों के बीच उच्च संतुष्टिड्ढ सुनिश्चित की जाएगी।

करनाल, पानीपत और शाहबाद चीनी मिलों को 235.00 करोड़ की गारंटी

मंत्रिमंडल की बैठक में करनाल, पानीपत और शाहबाद चीनी मिलों में नए चीनी संयंत्र और इथेनॉल संयंत्र स्थापित करने के लिए 235.00 करोड़ रुपये के सावधि ऋृण हेतु राज्य सरकार की गारंटी प्रदान करने की स्वीकृति दी गई।

मंत्रिमण्डल ने पानीपत के गांव डाहर में 28 मेगावाट के को-जनरेशन प्लांट के साथ 5000 टीसीडी-22 घंटे (शुगर रिफाइनरी के साथ 7500 टीसीडी तक विस्तार योग्य), करनाल शुगर मिल में 18 मेगावाट के को-जनरेशन प्लांट के साथ 3500 टीसीडी (5000 टीसीडी तक विस्तार योग्य) चीनी संयंत्र और शाहाबाद शुगर मिल में 60 केएलपीडी इथेनॉल प्लांट की स्थापना को मंजूरी दी।

हरको बैंक ने इन तीनों परियोजनाओं के लिए 235.00 करोड़ रुपये का सावधि ऋृण स्वीकृत किया है। पानीपत चीनी मिल में 28 मेगावाट के को-जनरेशन प्लांट के साथ 5000 टीसीडी (शुगर रिफाइनरी के साथ 7500 टीसीडी तक विस्तार योग्य)की स्थापना हेतु 354.71 करोड़ रुपये की कुल लागत में से 100.00 करोड़ रुपये का सावधि ऋण हरको बैंक द्वारा 10.10 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर पर मंजूर किया गया है। करनाल चीनी मिल में 18 मेगावाट के को-जनरेशन प्लांट के साथ 3500 टीसीडी (5000 टीसीडी तक विस्तार योग्य) की स्थापना हेतु 263.08 करोड़ रुपये की कुल लागत में से  85 करोड़ रुपये का सावधि ऋण हरको बैंक द्वारा 10.10 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर पर मंजूर किया गया है। इसी तरह, शाहाबाद शुगर मिल में 60 केएलपीडी इथेनॉल प्लांट की स्थापना हेतु 99 करोड़ रुपये की कुल लागत में से 50.00 करोड़ रुपये का ऋण भी 10.10 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर पर मंजूर किया गया है।

हेली-मंडी पलवास सड़क पर नया टोल प्वाइंट

बैठक में जिला रेवाड़ी में 9.500 किलोमीटर पर जावरा-गोदाना सड़क (हेली-मंडी पलवास सड़क) पर नये टोल प्वाइंट की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की गई।

हेली-मंडी (एमडीआर-132) से रेवाड़ी-रोहतक-पानीपत (एनएच-71) तक इस सडक की कुल लंबाई 12.650 किलोमीटर है। 12.650 किलोमीटर की इस लंबाई में से 9.00 किलोमीटर जिला गुरुग्राम में और शेष 3.650 किलोमीटर जिला रेवाड़ी में पड़ता है। गाँव गुरावड़ा (एनएच -71 के निकट) से एक सम्पर्क सडक जिला रेवाड़ी में 9.900 किलोमीटर पर उक्त सडक को जोड़ती है।

मंत्रिमंडल ने वैकल्पिक मार्गों के माध्यम से यातायात में व्यवधान से बचने के लिए इस नए टोल प्वाइंट की स्थापना के लिए स्वीकृति प्रदान की है। इस सडक पर टोल प्वाइंट की स्थापना राज्य सरकार के हित में होगी क्योंकि इससे राज्य के खजाने के लिए अच्छा राजस्व प्राप्त होगा।

मंत्रिमंडल ने इस नए टोल की समयावधि की वैधता को 31 मार्च, 2022 तक की मंजूरी दी है क्योंकि सभी चल रहे टोल प्वाइंटस की समयावधि 31 मार्च, 2022 तक है।

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम गारंटी बढ़ी

बैठक में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के लिए राज्य सरकार की ब्लॉक गारंटी सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने की स्वीकृति प्रदान की गई।

हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की स्थापना 2 जनवरी, 1971 को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत की गई थी, जिसका एकमात्र उद्देश्य राज्य में सफाई कर्मचारियों को सामाजिक-आर्थिक लाभ का पैकेज प्रदान करना है।

हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की ओर से 15 नवंबर, 2006 को राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम को एक करोड़ रुपये की ब्लॉक गारंटी पहले ही दी जा चुकी है। वर्तमान में निगम के पास 38.25 लाख रुपये की गारंटी उपलब्ध है।

अनुमोदन के उपरांत, हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की ओर से राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम को पहले से प्रदान की गई गारंटी सहित दो  करोड़ रुपये की ब्लॉक गारंटी दी जाएगी ताकि सफाई कर्मियों की बेहतरी के लिए योजना को लागू किया जा सके।

इस संबंध में 15 अक्तूबर, 2020 को वित्त विभाग की स्वीकृति प्राप्त कर ली गई थी।

हरियाणा आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय (ग्रुप-क) सेवा नियम, 2020 को स्वीकृति

बैठक में हरियाणा आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय (ग्रुप-क) सेवा नियम, 2020 को अंतिम रूप देने से संबंधित एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

अब ये नियम हरियाणा आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय (ग्रुप-क) सेवा नियम, 2020 कहे जाएंगे और ये नियम आधिकारिक राजपत्र में इनके प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे।

हरियाणा आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय (ग्रुप-ख) सेवा नियम 1986 को 19 सितंबर, 1986 को अधिसूचित किया गया था और 21 अगस्त, 1997 को इनमें संशोधन किया गया था। लेकिन गु्रप-क श्रेणी का कोई पद न होने के कारण विभाग में ग्रुप-क के कोई नियम नहीं थे।

राज्य सरकार ने 16 सितंबर, 2019 को विभाग के पुनर्गठन को मंजूरी दी थी, जिसमें ग्रुप-ख श्रेणी में एक नए पद और ग्रुप-ग श्रेणी में छरू नए पदों के अतिरिक्त ग्रुप-क श्रेणी में चार नए पद सृजित किए गए।

उक्त के मद्देनजर आपूर्ति एवं निपटान विभाग द्वारा हरियाणा आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय (ग्रुप-क) सेवा नियम, 2020 तैयार किये गए हैं। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इन्हें अनुमोदित किया गया है।

राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र, गाजियाबाद को जमीन मिलेगी

बैठक में बागवानी विभाग की राजकीय उद्यान एवं नर्सरी, फतेहपुर, पंचकूला की एक एकड़ भूमि भारत सरकार के कृषि एवं सहकारिता विभाग, राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र, गाजियाबाद को नाममात्र पट्टा आधार पर हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई, ताकि केंद्रीय क्षेत्र योजना की ‘राष्ट्रीय जैविक खेती प्रोत्साहन परियोजना’ के तहत क्षेत्रीय जैविक खेती केंद्र स्थापित किया जा सके।

भूमि को 1,000 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष के पट्टा किराए पर 99 वर्षों के लिए पट्टे पर हस्तांतरित किया जाएगा ताकि हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू  कश्मीर जैसे पड़ोसी राज्यों में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा सके।

अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की गारंटी बढ़ी

बैठक में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के लिए राज्य सरकार की ब्लॉक गारंटी सीमा को 15 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने की स्वीकृति प्रदान की गई।

हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की स्थापना 2 जनवरी, 1971 को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत की गई थी, जिसका एकमात्र उद्देश्य प्रदेश में सफाई कर्मचारियों को सामाजिक-आर्थिक लाभ का एक पैकेज प्रदान करना था।

हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की ओर से राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम को 26 नवंबर, 1999 को 15 करोड़ रुपये की ब्लॉक गारंटी दी गई। अब, 480 लाख रुपये की गारंटी राज्य निगम के पास उपलब्ध है।

स्वीकृति उपरांत, वर्ष 2020-21 वार्षिक कार्य योजना के अनुसार 1,100 लाभार्थियों को ऋण प्रदान किया जाएगा।  इन लाभार्थियों को गारंटी बढने के फलस्वरुप ही ऋण प्रदान किया जाएगा। अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के कल्याण हेतु हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की तरफ से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम को 20 करोड़ रुपये की ब्लॉक गारन्टी जिसमें पहले दी गई ब्लॉक गारन्टी भी शामिल है, के अनुमोदन को स्वीकृति प्रदान की गई है।

इस संबंध में वित्त विभाग की सहमति 21 सितंबर, 2020 को प्राप्त हुई थी।

वाणिज्यिक घटक एवं पार्किंग प्रावधान के लिए नियमों में संशोधन

बैठक में हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम 1975 की धारा 9-क के तहत अधिसूचित किफायती आवास नीति-2013 में संशोधन से संबंधित एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई ताकि न्यूनतम क्षेत्र सीमा, परियोजना क्षेत्र सीमा और वाणिज्यिक घटक एवं पार्किंग प्रावधान में वृद्धि की जा सके।

संशोधनों के अनुसार, किफायती आवास के तहत परियोजना की अधिकतम क्षेत्र सीमा 10 एकड़ से बढ़ाकर 30 एकड़ तक की गई है। किफायती ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी की स्थापना के लिए न्यूनतम क्षेत्र सीमा पांच एकड़ से घटाकर चार एकड़ कर दी गई है। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि यद्यपि न्यूनतम क्षेत्र मानदंड पांच एकड़ से घटाकर चार एकड़ करने का प्रस्ताव किया गया है लेकिन फिर भी कॉलोनाइजर पांच एकड़ के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार सामुदायिक भवन उपलब्ध करवाएगा। इसके अलावा, जहां कॉलोनी की आबादी 10,000 से अधिक है वहां नीति के अनुसार आंतरिक सामुदायिक भवनों के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार सामुदायिक भवन उपलब्ध करवाए जाएंगे। संशोधन के अनुसार, अब वाणिज्यिक क्षेत्र को कुल नियोजित क्षेत्र के चार प्रतिशत से बढ़ाकर आठ प्रतिशत किया गया है।

इसके अलावा, किफायती गु्रप हाउसिंग नीति -2013 के मौजूदा पैरा 4 में इस आशय से संशोधन किया जा रहा है कि 0.5 समतुल्य कार स्थान (ईसीएस) प्रदान करने का मौजूदा प्रावधान अनिवार्य और गैर-प्रभार्य बना रहेगा। कॉलोनाइजर को प्रति आवास इकाई के लिए अतिरिक्त 0.5 ईसीएस पार्किंग स्थान प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी, जो वैकल्पिक होगी, जिसके समक्ष वह प्रत्येक आवास इकाई के लिए एक कार पार्किंग स्थान आवंटित कर सकता है।

कॉलोनाइजर को कार पार्किंग स्थान के ऐसे आवंटन के समक्ष फ्लैट की लागत के पांच प्रतिशत से अधिक वसूलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

अतिरिक्त सुरक्षा के रूप में ऐसे मामलों में जहां किफायती आवास नीति-2013 के तहत लाइसेंस पहले से ही जारी हैं और भवन निर्माण योजना 0.5 ईसीएस प्रति आवास इकाई पार्किंग स्थान के विकल्प का लाभ उठाए बिना स्वीकृत है वहां कॉलोनाइजर्स को 0.5 ईसीएस प्रति आवास इकाई पार्किंग स्थान के विकल्प लेने के लिए भवन योजनाओं में संशोधन के उद्देश्य से रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 14 के प्रावधान के अनुसार कम से कम दो तिहाई आवंटियों की सहमति प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, यह लाभ उन परियोजनाओं के लिए उपलब्ध नहीं होगा जहां सभी आवासीय टावरों का कब्जा प्रमाण पत्र पहले ही प्राप्त किया जा चुका है।

एमएपीएसकेओ बिल्डर्स को मिला भूखंड

बैठक में ग्राम पंचायत नौरंगपुर, ब्लॉक और जिला गुरुग्राम के 363 वर्ग गज के रास्ता नं 235 के एमएपीएसकेओ बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड की 363 वर्ग गज की भूमि के साथ तबादलेे के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। ग्राम पंचायत को हुडा सेक्टर रोड के पास 363 वर्ग गज का एक भूखंड मिलेगा, जिसे ग्राम पंचायत किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग कर सकती है।

पीडब्ल्यूडी की अधिशेष भूमि वन विभाग को हस्तांतरित

बैठक में सडकों से दूर पीडब्ल्यूडी की 30.85 हेक्टेयर अधिशेष भूमि वन विभाग को क्षतिपूरक वनीकरण के लिए हस्तांतरित करने की स्वीकृति प्रदान की गई। ताकि मुख्यमंत्री द्वारा घोषित कुछ कार्यों सहित 16 महत्वपूर्ण कार्यों को शुरू किया जा सके जिनके लिए 30.81 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है।

 

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