चण्डीगढ़। हरियाणा के खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह ने कहा है कि खेलो इंडिया-2021 गेम्स में भाग लेने वाले खिलाडियों की वास्तविक आयु जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सभी जिलों में ‘बोन डेंसटी टेस्ट’ की व्यवस्था करवाई जायेगी ताकि ओवर ऐज संबंधित किसी प्रकार की शिकायतें प्राप्त न हों। इसके अलावा, खेलो इंडिया-2021 गेम्स के सफल आयोजन के लिए विभिन्न विभागों को आपसी तालमेल सुनिश्चित कर कार्य करना होगा। जिसके लिए उच्च स्तरीय कमेटियों का गठन किया जाएगा।
Haryana Government will conduct ‘Bone Density Test’ for all players
Chandigarh. Haryana Minister of State for Sports and Youth Affairs Sardar Sandeep Singh has said that for the actual age check of the players participating in the Khelo India-2021 Games, a ‘Bone Density Test’ will be arranged in all the districts in collaboration with the Health Department so that the over No complaints related to age should be received. Apart from this, for the successful organization of Khelo India-2021 Games, various departments will have to work by ensuring mutual coordination. For which high level committees will be formed.
सरदार संदीप सिंह ने इस संबंध में खेल विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में खेल एवं युवा मामले विभाग के प्रधान सचिव श्री योगेंद्र चौधरी, मुख्यमंत्री की उप-प्रधान सचिव आशिमा बराड एवं खेल एवं युवा मामले विभाग के निदेशक श्री एस एस फुलिया के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक में राज्य मंत्री ने खेलों के लिए आवश्यक खेल संरचनाओं की उपलब्धता एवं आवश्यकता की सूचियां तैयार करने, प्रमुख आयोजन स्थलों पर खिलाडियों के लिए उच्च स्तरीय जिम स्थापित करने, स्कोर बोर्ड संचालन करने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
सरदार संदीप सिंह ने कहा कि प्रतिभागियों के रहने की उचित व्यवस्था करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हॉकी जैसी कुछ खेलों का आयोजन चण्डीगढ़ में भी किया जा सकता है, जिसके लिए खेल विभाग ट्राई सिटी के खेल इंफ्रास्टक्चर व रहने की व्यवस्था की जियो-मैपिंग जल्द करवाई जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खिलाडियों के लिए सर्वागीण विकास के लिए कार्य कर रही है। ताकि खिलाड़ी राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का नाम रोशन कर सकें।
उन्होंने विभाग द्वारा स्थापित किए जा रहे रिहेबिलिटेशन केंद्रों की स्थापना में तेजी लाने के साथ-साथ वहां पर विशेषज्ञ फिजीयोथेरेपिस्ट, मनोवैज्ञानिक एवं मनोविशेषज्ञ नियुक्त करने के भी निर्देश दिये ताकि खिलाडियों को इनकी देखरेख में प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।