चंडीगढ़। कांग्रेस ने बरोदा उपचुनाव के लिए कमर पूरी तरह कस ली है। आज चंडीगढ़ स्थित आवास पर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी विधायकों से उपचुनाव को लेकर मंथन किया और उनकी ड्यूटी लगाई।
Hooda made this strategy to surround Khattar in Baroda by-election
बैठक में हुड्डा ने बरोदा क्षेत्र के 54 गांवों की साथ नेताओं के साथ मैपिंग की।
उन्होंने फिर कांग्रेस के प्रत्येक विधायक के जिम्मे दो गांव की जिम्मेदारी सौंपी है। ताकि हर गांव का विशेष ध्यान रखा जा सके।
हुड्डा ने विधायकों से कहा कि उपचुनाव सरकार के झांसों और हवा-हवाई बातों पर नहीं, आमजन से जुड़े मुद्दों पर होगा। चुनाव में जनता बीजेपी से उसकी किसान विरोधी नीतियों, लगातार बढ़ती बेरोजगारी और बढ़ते अपराध का हिसाब मांगेगी।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास बरोदा में गिनवाने के लिए कोई काम नहीं है जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान यहां जमकर विकास कार्य हुए थे। हलके की बात की जाए, तो कांग्रेस सरकार में देश की पहली महिला यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज की स्थापना यहां की गई। बिजली सप्लाई और सिंचाई की पूरी व्यवस्था की गई। सोनीपत जिले को शिक्षा का हब बनाया गया। गोहाना, जींद, सोनीपत रेलवे लाइन बनाई। इतना ही नहीं कांग्रेस सरकार में रेल कोच फैक्टरी को भी मंजूरी मिल गई थी। इससे इलाके के हजारों युवाओं को रोजगार मिलता, लेकिन बीजेपी सरकार ने उस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया। कांग्रेस सरकार में 2136 करोड़ रुपये के किसान कर्ज और 1600 करोड़ रुपये के बिजली बिल माफ किए गए थे। जमीन की कुर्की का काला कानून खत्म करके हमारी सरकार में फसली लोन की ब्याज दर की 11 प्रतिशत ब्याज दर को खत्म करके, जीरो प्रतिशत किया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के दौरान अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के सैकड़ों करोड़ के कर्ज माफ किए गए। साथ ही दोनों वर्गों के छात्र-छात्राओं को सैंकड़ों करोड़ की छात्रवृत्ति दी जाती थी। लेकिन बीजेपी सरकार में उसपर भी रोक लगा दी गई या घोटाले किए गए। हमारी सरकार में गरीब परिवारों को 100-100 गज के मुफ्त प्लॉट और मकान बनाने के लिए 91 हजार रुपये दिए जाते थे। पूरे प्रदेश में 10 लाख घरों को टंकी और पानी का कनेक्शन मुफ्त दिया गया था। लेकिन बीजेपी ने सत्ता में आते ही इन तमाम कल्याणकारी योजनाओं पर रोक लगा दी।
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने खेती का काम करते हुए किसी किसान की मौत होने पर परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजा देने की शुरुआत की थी। इतना ही नहीं किसान की गाय या बकरी की मौत पर 20 हजार व भैंस की मौत पर 50 हजार मुआवजा दिया जाता था। लेकिन बीजेपी सरकार ने ऐसी किसी भी कल्याणकारी योजना शुरू नहीं की। इसलिए बरोदावासी जानते हैं कि बीजेपी-जेजेपी सरकार प्रदेश की जनता के दिलों से पहले ही गिर चुकी है और हकीकत में भी ये सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है। आने वाला समय कांग्रेस का है। इसलिए गठबंधन के लिए उपचुनाव में जमानत बचा पाना भी मुश्किल होगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश और केंद्र की सरकार लगातार किसान विरोधी फैसले ले रही हैं। इसी कड़ी में 3 नए अध्यादेश जारी किए गए हैं। इन अध्यादेशों में कहीं भी किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं दी गई। लगता है कि सरकार सिर्फ प्राइवेट एजेंसियों और औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाना चाहती है। इसीलिए प्रदेश का किसान सड़कों पर उतरकर इसका विरोध कर रहा है। सरकार को किसान हित में या तो इन आध्यादेशों में बदलाव करने चाहिए या इन्हें वापस ले लेना चाहिए। खेती से जुड़े आढ़ती और छोटे व्यापारी भी इन 3 अध्यादेशों से डरे हुए हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसान ही नहीं, मौजूदा सरकार से हर वर्ग परेशान है। सरकार कच्चे और पक्के कर्मचारियों को नौकरी से हटा रही है। नौकरियां खत्म की जा रही हैं। बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में अपराध का ग्राफ भी लगातार ऊपर की तरफ जा रहा है। हत्या, लूट, डकैती जैसी वारदातें अब हरियाणावासियों की दिनचर्या का हिस्सा बन गई हैं। बरोदा उपचुनाव में बीजेपी सरकार की इन तमाम नाकामियों और कारगुजारियों को कांग्रेस जनता के बीच लेकर जाएगी और निश्चित ही जनता सरकार को सबक सिखाएगी।