फरीदाबाद की एक बस्ती में लकड़बग्घे ने किया लंगूर का शिकार, लोगों में दहशत

फरीदाबाद। यहां के अशोक एन्क्लेव क्षेत्र में एक जंगली जानवर ने एक लंगूर का शिकार किया। जानवर ने लंगूर पर हमला करके उसके मार दिया और उसे खा गया। इस घटना का पता चलते ही लोगों में दहशत फैल गई। वन विभाग के कर्मचारियों ने छानबीन शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक उस जंगली जानवर का कोई पता नहीं चला है। लोग सीसीटीवी फुटेज देखकर उस जानवर के लकड़बग्घा होने का अनुमान लगा रहे हैं। आरडब्ल्यूए ने सुबह और शाम के वक्त घर से बाहर न निकलने की एडवायजरी जारी की है।

In a township of Faridabad, hyena hunted langur, terror among people

Faridabad. In the Ashoka Enclave area here, a wild animal hunted a langur. The animal attacked the langur and killed it and ate it. As soon as this incident was known, panic spread among the people. Forest department employees have started investigating, but no wild animal has been detected so far. People are presuming the animal to be hyped by watching CCTV footage. RWA has issued advisories not to leave the house during morning and evening hours.

यह वाकया अशोक एंकलेव सी. ब्लाक पार्ट नंबर-2 स्थित इस्कॉन मंदिर के पास पेश आया।

यहां लोगों ने सुबह एक लंगूर का शव क्षत-विक्षत अवस्था में पाया।

लोगों को अंदेशा हुआ कि कल रात कोई अजीब घटना घटी है।

तब आरडब्ल्यूए के लोगों ने इलाके के लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटैज को खंगाला।

मंदिर के पास एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में यह घटना स्पॉट की गई।

लोगों ने देखा कि छोटे पुल के नीचे दो जानवर भाग रहे हैं।

इनमें से एक जानवर दूसरे का पीछा कर रहा है।

इनमें से एक जानवर के लकड़बग्घा होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

इसके बाद लोगों का अनुमान था कि इसी जंगली जानवर ने मारकर लंगूर को खाया है।

आरडब्ल्यूए के प्रधान विनोद गुप्ता, उपप्रधान श्याम यादव, मंदिर के प्रतिनिधि गोपेशवर ने तुरंत वन विभाग के अधिकारियों को इस हादसे के बारे में सूचित किया।

वन कर्मचारियों ने इलाके चप्पे-चप्पे को खंगाला, लेकिन उस जंगली जानवर का कहीं भी सुराग नहीं लगा।

वन और पुलिस अधिकारियों ने लोगों को एहतियात बरतने की हिदायत दी है।

इस घटना का वीडियो थोड़ी ही देर में वायरल हो गया।

इससे आस-पास के सरायख्वाजा, पल्ला और सेक्टर 37 आदि इलाके के लोगों में डर समा गया।

लोग हर जगह इस घटना की चर्चा करते दिख रहे हैं।

आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि इस हादसे के मद्देनजर विशेष सावधानी बरतें। हो सकता है कि जानवर आस-पास कहीं छिपा हो। किस भी हादसे बचने के लिए देर शाम और सुबह की सैर से बचें। केवल दिन के उजाले में ही आवागमन करें। बच्चों को दिन ढलने के बाद घर से बाहर न निकलनें दें।

इससे पहले भी जिले में तेंदुआ दिखने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

कुछ समय पहले जाजरू की एक महिला ने दावा किया था कि एक तेंदुआ ने उसे पंजे मारे हैं।

पलवल में भी तेंदुओ दिखने की खबर सामने आई थी।

दरअसल, जगल कटने से जंगली जीवों के आश्रय स्थल नष्ट हो गए हैं।

भूमाफिया के अवैध निर्माणों के कारण इन जानवरों की आश्रय स्थली अरावली की पहाड़ियों में हरियाली और झाड़ियां खत्म होती जा रही हैं।

इसलिए ये जानवर भोजन की तलाश में भटकते हुए कई बार आबादी की ओर निकल आते हैं।

जंगली जानवरी यूं तो इंसान से डरते हैं, लेकिन इंसान की हरकत को वह चुनौती मानते हैं, तो वे लोगों पर भी हमला कर सकते हैं।

हालांकि पिछले कुछ अरसे में जंगली जानवर से मुठभेड़ में जान जाने की सूचना नहीं है। फिर भी सावधानी बरतना आवश्यक है।

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