फरीदाबाद। सोशल मीडिया पर एक ताजा वीडियो आया है, जो बताता है कि बड़े आईपीएस अफसर के रिश्वत लेने की क्या कार्यशैली होती है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि अफसर के किस तरह मातहत अफसरों से लिफाफे स्वीकार रहा है।
See, know and understand, how IPS officers take bribe
यह वीडियो भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित की फेसबुक टाइम लाइन पर है।
अधिक जानकारी के लिए अरुण दीक्षित से संपर्क नहीं हो पाया।
इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि किसी रेस्ट हाउस नुमा कक्ष में यह आईपीएस अफसर बैठा है।
इसे एडीजीपी रैंक का अफसर बताया जा रहा है और मप्र कॉडर से है।
वीडियो सामने आने के बाद साहब को अब सरकार ने पीएचक्यू में अटैच कर दिया है।
वह मोबाइल फोन पर बात करने का ढोंग कर रहा है।
लेकिन उसे इंतजार है कुछ आने वालों का।
एक-एक कर इंस्पेक्टर आदि अफसर आते हैं और उसके सामने सोफे पर सफेद लिफाफा रखते हैं।
अब काम ऐसा है, तो ये बड़े साहब अपने मातहत से नजरें मिलाकर बात करने का हौसला भी नहीं दिखा पा रहे हैं।
अफसर जाता है, तो साहब झट से लिफाफा अपने पुट्ठों के नीचे दबा लेते हैं।
फिर बड़े साहब सभी लिफाफों को जल्दी-जल्दी सूटकेश में रखते हैं।
कभी इस पुटठे के नीचे से लिफाफे निकाल कर सूटकेस में रख रहे हैं, तो कभी उस पुट्ठे से।
यह वीडियो कब का है, यह पता नहीं है।
साहब को यह सब करते हुए फिल्माने का हौसला किसने दिखाया है या यह फिक्स्ड सीसीटीवी में कैद हुआ है, यह सब विस्तृत जांच से पता चल पाएगा।
किंतु इतना तय है कि वीडियो कभी का भी हो, लेकिन वीडियो में अफसर की देहभाषा से यह तो बिल्कुल नहीं लग रहा है कि वे अपने जन्म दिन या साल गिरह आदि का शगुन प्राप्त कर रहे हैं।
अरुण दीक्षित ने वीडियो का बड़ा चुटीला कैप्सन दिया है।
देखिये बड़े साहब अपने मातहत पुलिस अफसरों से कैसे लिफाफे लेते हैं। वैसे ये एडीजी स्तर के अफसर हैं। आजकल लिफाफे नहीं सूटकेस लेते हैं। लक्ष्मी जी की कृपा से लक्ष्मी सरोवर में तैर रहे हैं।
कमेंट बॉक्स में चुटकीबाजों ने भी अपने सहज बोध-व्यंग्य-विनोद के जमकर जौहर दिखाए हैं।
इस वीडियो को नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करके आप अरुण दीक्षित की टाइमलाइन पर जाएंगे, जहां इस वीडियो को देख सकते हैं।
Update
ये हैं वी. मधुकुमार
bhaskar.com के अनुसार राज्य सरकार ने शनिवार देर रात 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी वी. मधुकुमार को ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पद से हटा दिया। उनकी सेवाएं परिवहन विभाग से वापस लेते हुए उन्हें पुलिस मुख्यालय में एडीजी पदस्थ किया गया है।
कथित तौर पर मधुकुमार का लिफाफा लेते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद गृह विभाग ने उन्हें पद से हटाने का आदेश निकाल दिया।
बताया जा रहा है कि यह वीडियो 2016 का है जो आगर मालवा के सर्किट हाउस का है। तब मधुकुमार उज्जैन के आईजी थे।
वीडियो में आईपीएस अधिकारी पुलिस के लोगों से लिफाफा लेकर ब्रीफकेस में रखते दिख रहे हैं। पांच मिनट 35 सेकंड के वीडियो में कई बार लिफाफा लेना दिखाई दे रहा है।
इस बारे में मधुकुमार से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
फिलहाल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की गई है।
इधर, बताया जा रहा है कि जल्द ही नए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की पोस्टिंग होगी।
परिवहन मंत्री ने बताया कि उज्जैन आईजी रहते समय का वीडियो सामने आया है। इसमें वे लिफाफा लेते दिख रहे हैं पर लिफाफे में क्या है यह नहीं दिखा। वी. मधुकुमार से बात हुई है। उनका कहना है कि वे कामकाज की रिपोर्ट ले रहे हैं। इसकी जांच कराई जाएगी। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।