जम्मू। झंडा विवाद के बीच जम्मू-कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कहा है कि शनिवार को जम्मू में उसके पार्टी दफ्तर पर भीड़ ने हमला किया और तिरंगा फहराया। महबूबा मुफ्ती की पार्टी का कहना है कि दक्षिणपंथियों ने दफ्तर में मौजूद लोगों को गालियां दीं। पार्टी का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन ने शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं की।
Tricolor forcibly hoisted at office of Mehbooba Mufti
Jammu. Amid the flag dispute, the Peoples Democratic Party (PDP) of Jammu and Kashmir has said that its party office in Jammu was attacked and hoisted by the mob on Saturday. Mehbooba Mufti’s party says that the rightists abused the people present in the office. The party alleges that the police and administration did not take action despite the complaint. PDP leader Firdaus Tak said on Saturday that a mob attacked the party office in Jammu.
पीडीपी नेता फिरदौस टाक ने शनिवार को कहा कि जम्मू में पार्टी दफ्तर पर भीड़ ने हमला किया।
उन्होंने कहा, पार्टी मुख्यालय में भीड़ पहुंची और उन्होंने हमसे धक्का-मुक्की की। उन्होंने तिरंगा लगाने की कोशिश की और गालियां दे रहे थे। स्पष्ट तौर पर वे दक्षिणपंथी थे, क्योंकि उन्होंने एक खास रंग के कपड़े पहने हुए थे।
टाक ने कहा कि भीड़ में शामिल लोगों ने उन्हें धमकी दी कि वे कल फिर आएंगे और दफ्तर को गिरा देंगे।
उन्होंने कहा, हमने प्रशासन से संपर्क करने की कोशिश की, मैंने व्यक्तिगत तौर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से संपर्क किया, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा तिरंगे झंडे को लेकर दिए गए बयान को लेकर पार्टी के खिलाफ जम्मू में कई संगठनों ने प्रदर्शन किया। बीजेपी और कांग्रेस ने भी पीडीपी प्रमुख को घेरा।
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र शर्मा ने कहा कि ऐसे बयान किसी भी समाज में बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं और अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज देश के सम्मान का प्रतीक है।
पीडीपी अध्यक्ष ने 14 महीने की नजरबंदी से रिहा होने के बाद पहली बार संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह तिरंगा तभी थामेंगी जब पूर्ववर्ती राज्य का झंडा बहाल हो जाएगा।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले साल पांच अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उन्हें चुनाव लड़ने अथवा तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है।