फरीदाबाद में आम आदमी पार्टी ने मंत्री का किया हाई वोल्टेज घेराव, धक्कामुक्की, बल प्रयोग, कई घायल

फरीदाबाद। कृषि बिलों और खोरी गांव में हुई तोड़फोड़ के विरोध में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता शनिवार को सड़कों पर उतर आए। उन्होंने परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की। इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हुई। इस झड़प में महिलाओं सहित कुछ लोगों के घायल होने की सूचना है।

Aam Aadmi Party stage high voltage Ghrao in Faridabad, shocks, use of force, many injured

Faridabad. Aam Aadmi Party workers took to the streets on Saturday to protest against the agricultural bills and the sabotage in Khori village. He tried to encircle the office of Transport Minister Moolchand Sharma. During this, he clashed with the police. Some people, including women, have been reported injured in the clash.

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता और जिला अध्यक्ष धर्मवीर भड़ाना ने प्रेसवार्ता में पिछले दिनों मंत्री का घेराव करने की घोषणा की थी।

घेराव की सूचना मिलते ही गुप्तचर और पुलिस सक्रिय हो गई थी।

प्रशासन को सूचना थी कि खोरी गांव की झुग्गियों से काफी संख्या में महिलाएं और पुरुष प्रदर्शन में भाग ले सकते हैं।

वे सेक्टर 7-10 स्थित परिवहन मंत्री के कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे।

इसलिए 7-10 के मार्केट को पहले पूर्णता बंद कर दिया गया था।

पुलिस ने मंत्री के कार्यालय से पहले ही बैरीकेडिंग कर दी थी।

पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत दोपहर को जब प्रदर्शनकारी 7-10 के मार्केट में जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए पहुंचे।

तब पुलिस कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को बैरीकेडिंग के पास ही रोक दिया।

भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था।

कुछ देर नेताओं और पुलिस अधिकारियों में बातचीत हुई।

इसके बाद प्रदर्शनकारी बैरीकेडिंग फांदकर कार्यालय की ओर बढ़ने लगे।

इस पर पुलिस कर्मियों ने बल प्रयोग किया।

इससे भगदड़ मच गई।

पुलिस कर्मियों ने लोगों को रस्सा और लाठी-डंडों का आड़ा करके धकियाना शुरू कर दिया।

कुछ देर की इस रस्साकशी में कुछ महिलाएं और लोग घायल हो गईं।

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कर्मियों पर लाठी चार्ज का भी आरोप लगाया है।

बाद में कुछ पुलिस अधिकारियों ने किसी आशंका के मद्देनजर पुलिस कर्मियों को पीछे हटा दिया।

काफी देर तक प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों में लुकाछिपी चलती रही।

सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ीं।

महिलाओं का कहना था कि उनके घर उजाड़ दिए गए और उन्हें कोई राहत नहीं दी गई।

उन्होंने कहा कि उनके घर उजाड़ने से पहले उन्हें मकान दिए जाएं।

 

 

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